-शासन ने कसा शिकंजा, स्कॉलरशिप हासिल कर परीक्षा छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को किया जा रहा चिह्नित

-दो कॉलेज के सौ छात्रों से जमा कराए गए 4.26 लाख रुपये

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

स्कॉलरशिप व फीस रिम्बर्समेंट को लेकर शासन का शिकंजा कसता जा रहा है। अब परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों से शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति वसूली की जाएगी। इस साल डिस्ट्रिक्ट के दो कालेजों के करीब 100 स्टूडेंट्स से 4.26 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। समाज कल्याण विभाग ने वर्तमान सत्र में परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों से शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति की राशि वसूलने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कालेजों को पत्र भी भेज रहा है ताकि इसका अनुपालन शत प्रतिशत किया जा सके।

ताकि फर्जीवाड़े पर लगे रोक

शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब शासन सीधे स्टूडेंट्स के खाते में राशि स्थानांतरित कर रहा है। साथ ही ऑनलाइन आवेदन के लिए आधार नंबर भी अनिवार्य कर दिया गया है। ताकि एक छात्र दो या दो से अधिक संस्थाओं से छात्रवृत्ति या शुल्क प्रतिपूर्ति न हासिल कर सके। वहीं छात्रवृत्ति या शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि हासिल कर परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों पर अब तक किसी की नजर नहीं थी। समाज कल्याण विभाग ऐसे छात्रों को चिह्नित करेगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार यादव ने बताया कि पिछले सत्र में दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय, सेवापुरी में परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों से 2.26 लाख व जगतपुर पीजी कालेज के छात्रों से 1.50 लाख रुपये वसूले जा चुके हैं। इसके अलावा दोबारा दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय की पहल पर ऐसे छात्रों से 52815 रुपये की वसूली हुई है। उन्होंने बताया कि जनपद के अन्य महाविद्यालयों से ऐसे छात्रों की जानकारी हासिल की जा रही है।

परीक्षा व बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाले छात्रों से शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति की राशि वसूलने का प्रावधान है। रिजल्ट जारी होने के बाद इस संबंध में संबंधित संस्थाओं से पड़ताल कराई जाती है ताकि छात्रवृत्ति की राशि वसूली की जा सके।

राजेश कुमार यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी