- रेवडि़यों की तरह यूपीटीयू ने बांट दिया कॉलेजों के निरीक्षण का जिम्मा

- कॉलेजों में पीजी कोर्स के मानकों के निरीक्षण के लिए वीसी ने गठित की कमेटियां

LUCKNOW: प्रदेश में हाशिए की तरफ जा रही टेक्निकल एजुकेशन को पटरी पर लाने की दिशा में उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी 'यूपीटीयू' ने एक और कदम उठाया है। अब यूपीटीयू की ओर से इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में संचालित पीजी कोर्सेस के निर्धारित मानकों की जांच के लिए कमेटियां गठित की गई हैं। मजेदार बात यह है कि यूपीटीयू के वाइस चांसलर की तरफ से गठित इन कमेटियों को कॉलेजों की जांच रेवडि़यों की तरह बांट दी गई हैं। अब वीसी की तरफ से आया यह फरमान मुश्किलें खड़ी कर सकता है। क्योंकि यह बात समझ से परे है कि इन कमेटियों में शामिल विशेषज्ञ एक साथ इतनी संख्या में कॉलेजों का निरीक्षण कैसे कर सकेंगे।

किसी कमेटी को महज चार से पांच कॉलेज

अभी तक यूनिवर्सिटी स्तर पर इस तरह के निरीक्षण का कार्य रेवडि़यों की तरह नहीं बांटा गया है। इससे पहले गठित कमेटियों में से हर एक कमेटी को महज चार से पांच कालेजों की ही जिम्मेदारी दी जाती रही है। लेकिन इस बार एमटेक, एमफ ॉर्म, एमआर्क कोर्सेस के संचालन को लेकर निर्धारित मानकों के निरीक्षण के लिए यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। आरके खांडल ने जो कमेटी गठित की है, उसमें हर एक कमेटी को कम से कम नौ और ज्यादा से ज्यादा ब्भ् कॉलेज आवंटित किए गए हैं।

जो प्रशासन के करीबी हैं

ज्यादा कॉलेज उन्ही कमेटियों के सदस्यों को दिया गया है, जो यूनिवर्सिटी प्रशासन के करीबी हैं। एक साथ एक बार में रेवडियों की तरह बांटे गए कॉलेजों की सूची को देख कर यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि इन कमेटियों के सदस्य कॉलेजों में मानकों का निरीक्षण करेंगे तो फि र सम्भव है कि इस कार्य के चलते इनका एकेडमिक सेशन हाशिए पर चला जाएगा। यदि एकेडमिक सेशन हािशए पर नहीं जाता है तो सम्भव है कि मानकों के मामले में शिथिलता बरती जा सकती है।

अब तक नहीं दी गयी इतनी बड़ी जिम्मेदारी

कॉलेजों के मानकों की जांच के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से इस बार कमेटियों की संख्या को सीमित रखा है। लेकिन कॉलेजों के निरीक्षण का बोझ इस तरह नहीं डाला गया। ऐसे में इन कमेटियों की कार्य प्रणाली को लेकर आने वाले समय में कई सवाल उठने की सम्भावना है। जिसमें खासतौर पर मानकों के निर्धारण को सुनिश्चित कराने का मामला प्रमुख रूप से सामने आ सकता है।

प्रो। बीएन मिश्र को मिले सबसे ज्यादा कॉलेज

इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी के बॉयोटेक विभाग के प्रो। बीएन मिश्र को सबसे ज्यादा कॉलेज के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। साल ख्0क्फ् में स्टेट लेवल पर आयोजित यूपी एसइई एंट्रेस एग्जाम के मामले में प्रो। मिश्र पर पहले से ही जांच चल रही है। इस बारे में यूनिवर्सिटी से जुडे़ सूत्रों का कहना है प्रो। मिश्र यूनिवर्सिटी प्रशासन के करीबियों में से एक हैं।

ये हैं जांच कमेटियां

क्- बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और ज्योतिबाफूलेनगर स्थित नौ कालेजों के निरीक्षण की जिम्मेदारी आर्किटेक्चर कॉलेज के प्रो। जगवीर सिह की अध्यक्षता में गठित कमेटी को दी गई है। इस कमेटी में डॉ। अश्विनी शर्मा, प्रो। बी मिश्रा शामिल हैं।

ख्- इटावा, झांसी, कानपुर और उन्नाव स्थित क्म् कॉलेजों के निरीक्षण की जिम्मेदारी फॉर्माकोगनासी एंड फीजियोकेमिस्ट्री विभाग, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के प्रो। रसीदुज जफर को दी गई है। इनकी टीम में प्रो। नवीन नागर और एके त्रिपाठी शामिल हैं।

फ्- सीतापुर, लखनऊ, बाराबंकी व हरदोई जनपद में स्थित ख्7 कॉलेजों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिग टेक्नोलॉजी विभाग के प्रो। नरेन्द्र कुमार को दी गई है। इनकी टीम में प्रो। असगर अली और डॉ। राजीव कक्कड़ शामिल हैं।

ब्- मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, सहारनपुर जिलों में स्थित ख्भ् कॉलेजों के निरीक्षण की जिम्मेदारी एमआईटी मुरादाबाद के प्रो। वाई पी गुप्ता को सौंपी गई है। इनकी टीम में प्रो। एसके सिह व प्रो। एसपी त्रिपाठी शामिल हैं।

भ्- गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और नोएडा स्थित ब्भ् कॉलेजों के निरीक्षण की जिम्मेदारी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग टेक्नोलॉजी लखनऊ के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो। बीएन मिश्रा को दी गई है। इनकी टीम में डॉ। अशोक कुमार गुप्ता, प्रो। एसएच अंसारी व प्रो। वीरेन्द्र पाठक शामिल हैं।

म्- आगरा, मथुरा, बुलंदशहर व अलीगढ़ जिलों में स्थित ख्भ् कॉलेजों के निरीक्षण की जिम्मेदारी इंट्रीगल यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्चर विभाग के प्रो। डीसी थापर को दी गई है। इनकी टीम में प्रो। आरके त्रिपाठी और प्रो। केके पिल्लै को शामिल किया गया है।

7- वाराणसी, सुल्तानपुर, जौनपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, गोरखपुर, गोण्डा स्थित ख्0 कॉलेजों के निरीक्षण की जिम्मेदारी आईआईटी बीएचयू के प्रो। बीएन मिश्रा को दी गई है। इनकी टीम में प्रो। एसके श्रीवास्तव, प्रो। एनबी सिह, प्रो। प्रदीप बाजपेयी को दी गई है।

एमटेक, एमफॉर्म और एमआर्क कोर्सेस के निर्धारित मानकों के लिए कमेटी का गठन वीसी की ओर से गया है। जहां तक कमेटी के निरीक्षण का प्रश्न है तो कमेटी के सदस्य अपनी सुविधानुसार कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे।

- पवन गंगवार,

रजिस्ट्रार यूपीटीयू