- वीसी के आदेश के बाद जारी किया ऑर्डर

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी में टेंडर प्रक्रिया के सवालों के घेरे में आने के बाद यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर ने सख्त रूप अख्तियार किया है। वीसी के ऑर्डर के बाद यूनिवर्सिटी स्टेशनरी और जनरल साफ-सफाई के समानों के खरीद के लिए जारी हुआ टेंडर प्रक्रिया को रद्द करते हुए उसके जांच के लिए एक कमेटी गठित करने जा रहा है। छात्र नेता दुर्गेश कुमार सिंह ने सामान्य सामग्री की खरीद में अधिक रुपए की दर से टेंडर निकालने का आरोप लगाया था। इस संदर्भ में दुर्गेश कुमार सिंह ने वाइस चांसलर प्रो। एसबी निमसे को ज्ञापन सौंपकर इस मामले के जांच करने और आरोपी के खिलाफ कारवाई करने की मांग की है। यह मामला अखबारों में सामने आने के बाद वीसी ने इस रद्द करते हुए जांच करने के आदेश दिए है।

बाजार से अधिक रेट पर समान खरीदने का आरोप

यूनिवर्सिटी की ओर से मार्च में स्टेशनरी की सामग्री की सप्लाई के लिए टेंडर जारी किया गया था। लेकिन ठेकेदारों की ओर से इसके लिए बनाए गए नियमों और शर्तो के संदर्भ में सवाल उठाए जाने पर पूरी प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके कुछ मंथ बाद अगस्त में इस प्रक्रिया के जरिए आई टेंडर को छांट कर सप्लाई देने के ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। एलयू ने कमीशन खोरी के चक्कर में बाजार रेट से अधिक मूल्य पर टेंडर जारी कर दिए थे। छात्र नेता दुर्गेश कुमार सिंह का कहना है कि टेंडर में जो सामग्री की रेट का भुगतान निश्चित किया हैं, वह मार्केट के रेट से अधिक हैं। एक लोर डस्टर के लिए ब्8 रुपए की दर निश्चित की गई है। जो बाजार में आसानी से ख्0 रुपए में मिल जाते हैं। वहीं टेंडर में डस्टर क्लॉथ, कैंडल पैकेट, शीशे के गिलास, ताला और प्लास्टिक सुतली के पैकेट के मूल्य भ्ब्, ब्8, ब्भ्, फ्7भ् और क्80 रुपए निर्धारित की गई है। जो बाजार में क्रमश: फ्0, ख्ब्, ख्भ्, 90 से क्म्भ् और क्00 रुपए में उपलब्ध हैं।

वीसी के ऑर्डर के बाद यह टेंडर रद्द कर दिया गया है। इसमें समानों को निर्धारित रेट से अधिक पर खरीदने के लिए जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। साथ ही तत्काल प्रभाव से सभी भुगतान रोकने के आदेश वीसी ने दिए है।

प्रो। एपी सेन गुप्ता,

प्रो। वीसी, लखनऊ यूनिवर्सिटी