- चहारदीवारी का काम पूरा न होने पर बीएसए ने दो शिक्षकों को किया सस्पेंड

- डिप्टी बीएसए नीरा त्रिवेदी की अध्यक्षता में बनाई तीन सदस्यीय कमेटी

- एक मंथ में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है

LUCKNOW: सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में होने वाला निर्माण कार्यो में धाधंली के आरोप में शामिल दो शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सस्पेंड कर दिया। बीएसए का कहना है कि इन शिक्षकों को कई बार कहने के बाद भी स्कूल में निर्माण कार्य को पूरा नहीं कराया था। एफआईआर कराने की बात कहने के बाद भी इन्होंने कोई कार्रवाई नहीं किया, जिसके बाद शुक्रवार को दोनों शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन दोनों शिक्षकों पर अपने स्कूल के चाहरदीवारी के निर्माण कार्य को पूरा न कराने और जारी बजट का पैसा गायब करने का आरोप है। बीएसए ने प्राथमिक विद्यालय गंगादीन खेड़ा जोन एक के शिक्षक सतीश द्विवेदी और पूर्व प्राथमिक विद्यालय बरी कला की सहायक अध्यापिका सरस्वती वाजपेई को सस्पेंड कर दिया है। इस मामले की जांच के लिए डिप्टी बेसिक शिक्षा अधिकारी नीरा त्रिवेदी के अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है।

बजट जारी होने के बाद भी नहीं कराया निर्माण कार्य

बीएसए कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार दोनों शिक्षकों को स्कूल में निर्माण कार्य कराने के लिए सर्व शिक्षा अभियान की ओर से स्कूल के खाते में पैसा भेजा गया था। दोनों ही शिक्षकों ने स्कूल के खाते से काफी समय पहले ही पैसा निकाल लिया था। लेकिन इसके बाद भी दोनों ही शिक्षकों ने समय से निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया था। यह मामला पूर्व बीएसए बीपी सिंह के कार्यकाल में सामने आया था। तब से इस मामले में कार्रवाई नहीं किया गया था। मौजूदा बीएसए की ओर से कई बार इस मामले में दोनों शिक्षकों से काम पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। इसके बाद भी दोनों शिक्षकों ने इस मामले को गम्भीरता से नहीं लिया था। जिसके बाद बीएसए की ओर से कार्रवाई की गई है।

सिटी में और भी ऐसे मामले

सर्व शिक्षा अभियान की ओर से सिटी में प्राथमिक स्कूलों के निर्माण कार्यो पूरा कराने के लिए करीब क्.फ्भ् करोड़ रुपए का भुगतान अभी तक किया जा चुका है। जिसमें से अभी तक करीब 70 फीसदी स्कूलों में आज तक निर्माण का काम पूरा नहीं हो सका। इस खुलासा खुद बेसिक शिक्षा विभाग के जांच में सामने आ चुका है। वहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले के जांच के बजाए इस दबाने में लगे हुए है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत सेशन ख्0क्0-क्क् और ख्0क्क्-क्ख् के बीच में सिटी में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के निर्माण के लिए सर्व शिक्षा अभियान की ओर से बजट जारी किया गया था। इस बजट से चिन्हित स्कूलों में अतिरिक्त क्लास रुम का निर्माण, चहारदीवारी और नए स्कूल कैम्पसों को निर्माण होना था। जिसके तहत सिटी में इस बजट से ख्भ्0 एक्स्ट्रा क्लास रुम के साथ ख्ख् नए स्कूल बिल्डिंग और क्म् स्कूलों में चहारदीवारी का निर्माण किया जाना था। ख्0क्ख् के बाद प्रदेश में नई आई सरकार ने इस निर्माण कार्य का जांच कराया था, जिसमें बड़ी संख्या में निर्माण कार्यो में घोटाला सामने आया था।

बिना निर्माण कराएं बजट का किया गया भुगतान

स्टेट गवर्नमेंट की ओर से एसएसए के ओर से जारी बजट के तहत होने वाले निर्माण के लिए जांच कमेटी बैठाई गई थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट में दो सालों के बीच फ्7 स्कूलों में निर्माण कार्यो में क्.फ्भ् करोड़ रुपए के घोटाले का मामला प्रकाश में आया था। रिपोर्ट के मुताबिक इन फ्7 स्कूलों में ब्8 एक्स्ट्रा क्लास रूम, क्भ्ख्भ् मीटर चहारदीवारी और तीन नए स्कूलों के बिल्डिंग का निर्माण होना था। लेकिन, समयसीमा गुजर जाने के बाद भी ख्ब् एक्स्ट्रा क्लास रूम, दो प्राथमिक व एक पूर्व प्राथमिक स्कूल के करीब 800 मीटर चहारदीवारी का निर्माण नहीं पूरा होना के मामला सामने आया था। जिसमें तत्कालीन नगर शिक्षा अधिकारी पंकज गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया था। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि इस निर्माण के लिए आवंटित बजट म्8.ब्भ् लाख रुपए स्कूलों के खातों से गायब हो चुके हैं। साथ ही नए कराए गए निर्माण कार्यो में से ख्ब् एक्स्ट्रा क्लास रूम और भ्90 मीटर चहारदीवारी का निर्माण कार्य फ्0 फीसदी भी पूरा नहीं हो पाया है। जबकि, सभी निर्माण कार्य के लिए म्7.ख्भ् लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया।

दोनों शिक्षकों को कई बार नोटिस जारी कर काम पूरा कराने के लिए कहा गया था। पर इसके बाद भी उन्होंने इसे पूरा नहीं किया जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर एक मंथ में रिपोर्ट मांगा गया है।

प्रवीण मणी त्रिपाठी, बीएसए, लखनऊ