- सीबीएसई बोर्ड को सभी स्कूलों ने भेजा लेटर, ग्रेस मा‌र्क्स की उठाई मांग

- एनसीईआरटी के पैटर्न पर पेपर न आने से नाराज हैं स्टूडेंट्स और टीचर्स

LUCKNOW: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) बोर्ड के इंटरमीडिएट के मैथ्स के पेपर पर राजधानी के स्कूलों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। सिटी के सभी स्कूलों ने पेपर के खिलाफ सीबीएसई बोर्ड को लेटर भेजा है। इसे देखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने अप्रैल के फ‌र्स्ट वीक को स्कूल संघ की बैठक बुलाई है। इस बैठक में मैथ्स के पेपर में स्टूडेंट्स को ग्रेस मा‌र्क्स देने पर आम सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।

स्टूडेंट्स ने किया था बवाल

गौरतलब हो कि इस बार सीबीएसई बोर्ड का मैथ्स पेपर लम्बा और कठिन होने के कारण स्टूडेंट्स निर्धारित समय पर पेपर को हल नहीं कर पाए थे। जिसके बाद न केवल राजधानी में, बल्कि स्टेट के दूसरे सिटी में भी इस पर स्टूडेंट्स ने काफी बवाल किया था। ऐसे में सिटी के स्कूलों ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बोर्ड को अपनी-अपनी आपत्ति भेजी है। बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि यदि शिकायत सही पाई जाती है तो स्टूडेंट्स को इस पेपर में ग्रेस नम्बर देने का विचार बोर्ड कर सकता है। ऐसे में इन सब्जेक्ट में पास होने के लिए स्टूडेंट्स को निर्धारित मा‌र्क्स में राहत मिल सकती है।

क्वेशन पेपर पर उठ रहा है सवाल

सिटी के कई स्कू ल्सके प्रिंसिपल सीबीएसई बोर्ड के को-ऑर्डिनेटर डॉ। जावेद आलम को इस बारे में बता चुके हैं। स्कूलों की ओर से मैथ्स के क्वेशन पेपर के हर सवाल के पैटर्न में गड़बड़ी की बात कह रहे हैं। स्कूलों का कहना है कि पूरा क्वेशन पेपर ही असंतुलित था। ऐसे में बोर्ड स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता है। स्कूलों की ओर से लेटर में लिखा है कि इस बार जो क्वेशन पेपर आया है, वह पूरी तरह से एनसीईआरटी के पैटर्न पर नहीं था। ज्यादातर क्वेशन कॉम्पटीशन लेवल पर पूछे जाने वाले थे। ऐसे में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को क्वेशन पेपर को लेकर प्रॉब्लम हुई।

क्यों उलझा मामला

स्कूल का कहना है कि पेपर न सिर्फ कठिन था, बल्कि लंबा व उलझाऊ था। एक नंबर के सवाल सीधे और सरल थे, लेकिन प्रोबेबिलिटी, एप्पलीकेशंस ऑफ इंटीग्रल्स और डेफनीट इंटीग्रल्स पर आधारित ब् और म् मा‌र्क्स के सवाल उलझाऊ थे। इससे पेपर को हल करने में बच्चों को अधिक समय लगा। वह बताते हैं कि बेयस थ्योरम, मैक्सिमा और मिनिमा पर आधारित सवाल हर साल पूछे जाते थे, जो इस के पेपर में नहीं आए थे। मैथ्स के पेपर को हल करने में स्टूडेंट्स को सामान्य से अधिक समय लगा। इससे हजारों स्टूडेंट्स अधूरा पेपर ही कर पाये। मैथ्स के टीचर्स ने इस पेपर को कठिन पेपर की कैटेगरी में रखा है।

केसे मिलते हैं मा‌र्क्स

सीबीएसई बोर्ड के मार्किंग स्कीम के मुताबिक, यदि स्टूडेंट्स ने किसी सवाल का आधा जवाब भी लिखा है तो भी उसे कुछ मा‌र्क्स दिए जाते हैं। इसके अलावा तथ्यों के आधार पर भी मा‌र्क्स दिए जाते हैं। उसी तरह मैथ्स के पेपर में सवाल में फॉर्मूले के हिसाब से मा‌र्क्स दिए जाते हैं।

इस मामले को बोर्ड ने काफी गंभीरता से लिया है। आगामी तीन या चार अप्रैल को बोर्ड ने बैठक आयोजित की है, जिसमें इसके सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा। इसके बाद ग्रेस मॉर्किंग और दूसरे तथ्यों पर ही सहमति बन सकेगी।

- डॉ। जावेद आलम खान,

सिटी को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसई बोर्ड