- नि:शुल्क प्रवेश पाने वाले बच्चों के भौतिक सत्यापन के साथ स्कूलों के निरीक्षण की तैयारी

- इस साल तैयार की जा रही हैं 47 टीमें, सदस्यों के चयन की प्रक्रिया हो गई है शुरू

Meerut : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लिए अब शासन भी जागरुकहो गया है। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत नि:शुल्क प्रवेश पाने वाले बच्चों का भौतिक सत्यापन के साथ ही स्कूलों का निरीक्षण का कार्य किया जाएगा। साथ ही बच्चों के अभिभावकों से भी बात की जाएगी कि उनके बच्चों को आईटीई का लाभ मिल रहा है या नहीं। इसके शिक्षा विभाग को निर्देश मिल चुके हैं।

टीमें गठित

इस साल 47 टीमें गठित करने की तैयारी विभाग में चल रही है। टीम के लिए सदस्यों का भी चयन करना शुरू कर दिया है। इन टीमों के अलावा सात सैंपलिंग टीमें भी तैयारी की जा रही हैं। इन टीमों को पुन: सत्यापन करने की भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस निरीक्षण के बाद प्राइवेट स्कूलों को निरीक्षण का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। निरीक्षण में स्कूल की भौतिक स्थिति, शैक्षिक वातावरण भी जांचा जाएगा। शासन ने इसके लिए शिक्षा विभाग को भी निर्देश दिए हैं।

जिला व ब्लॉक स्तर पर टीम होगी

शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों को पिछले तीन सालों से गरीब व असुविधाग्रस्त बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। इन बच्चों के दस्तावेज जांच के साथ ही भौतिक सत्यापन का कार्य आरटीई प्रभारी को सौंपा जाता है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने शेड्यूल तय कर लिया है। प्रदेश में जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक टीम गठित कर निरीक्षण किया जाएगा।

सत्यापन दल करेगा जांच

- सत्यापन दल निजी स्कूल की मान्यता के दस्तावेज को जांचेगा।

- नि:शुल्क प्रवेशी बच्चों के दस्तावेज को जांचा जाएगा, जिसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की जांच की जाएगी।

- नि:शुल्क प्रवेशी बच्चों में वार्ड वाइज, ग्राम पंचायत, नगर परिषद के प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया गया है। इसकी जांच की जाएगी।

- नि:शुल्क प्रवेशी बच्चों के अभिभावक से पूछा जाएगा। किताबें और अन्य किसी बहाने से शुल्क तो नहीं वसूला जा रहा है।

- सत्यापन दल नि:शुल्क प्रवेशी बच्चों का नामांकन निकटवर्ती सरकारी स्कूलों से भी जांचेगा। ऐसे में किसी बच्चे का दोनों जगह प्रवेश पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

- सत्यापन दल नि:शुल्क प्रवेशी बच्चों के अभिभावकों से पूछेगा कि उनके बच्चों को अलग-अलग तो नहीं बिठाया जा रहा है।

- पुराने नि:शुल्क बच्चों में टीसी लेकर जा चुके बच्चों की जानकारी और डाटा एकत्रित कर विभाग को सूचित किया जाएगा।

- ड्रॉपआउट और टीसी निकाल चुके बच्चों की फीस पुनर्भरण की राशि के समायोजन का प्रपत्र भरा जाएगा।

मिलेगा स्कूल को प्रमाणपत्र

प्राइवेट स्कूलों के निरीक्षण ओर भौतिक सत्यापन के बाद प्रत्येक निजी स्कूल को निरीक्षण दल का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जिसमें नि:शुल्क प्रवेश बच्चों को जांच रिपोर्ट तथा फीस पुनर्भरण के लिए योग्य बच्चों की जानकारी सौंपी दी जाएगी। नगर शिक्षा अधिकारी एसके गिरी ने बताया कि अभी इसकी टीम तैयार हो रही है। नियमों के अनुसार ही स्कूलों का निरीक्षण कार्य भी किया जाएगा।