- शिक्षामित्रों ने शिक्षा भवन से चौक चौराहे तक झाडू लगाकर जताया विरोध

LUCKNOW :

समायोजन निरस्त होने और शासन की की ओर से कोई निर्णय न लिए जाने से नाराज शिक्षा मित्रों का गुस्सा गुरुवार को फूट पड़ा। नाराज सैकड़ों शिक्षा मित्र सुबह ही शिक्षा भवन स्थित बीएसए ऑफिस का घेराव कर प्रदर्शन किया। उसके बाद शिक्षा मित्र शिक्षा भवन के बाहर सड़क पर उतर आए और झाडू लगाकर विरोध जताया। उनका कहना था कि सरकार बिना टीईटी के उन्हें नियुक्ति दे।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ऑर्डर

बीते 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के एक लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों का समायोजन रद कर दिया था। जिसके बाद शिक्षा मित्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। बीते सप्ताह शिक्षा मित्रों और सीएम योगी के साथ वार्ता हुई थी। जिसमें उन्हें उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया था। समय बीतने के बाद भी ठोस निर्णय लिए जाने से नाराज शिक्षा मित्र गुरुवार को बीएसए कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनरतले सैकड़ों शिक्षामित्र स्कूल छोड़कर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंच गए।

नया विशेष अध्यादेश लाने की मांग

अरविंद वर्मा, उमेश पांडेय सहित तमाम शिक्षा मित्रों का कहना है कि समायोजन रद होने की वजह से उनका भविष्य अंधकार में हो गया है। 16 साल से लगातार प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षा मित्रों के आगे अधिक उम्र हो जाने की वजह से अब कोई विकल्प नहीं बचा है। जबकि सभी शिक्षा मित्र स्नातक व बीटीसी प्रशिक्षित हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश पर तत्कालिक रूप से सरकार नया अध्यादेश लाकर कानून बनाए, जिससे 1,72,000 शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बने रहें। जिलाध्यक्ष सुशील कुमार यादव ने कहा कि आगामी तीन दिन तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। उसके बाद 21 अगस्त से पूरे प्रदेश के शिक्षा मित्र लक्ष्मण मेला मैदान में सत्यागृह आंदोलन शुरू करेंगे।

ये हैं प्रमुख मांगें

- नया अध्यादेश लाए जाने तक समायोजित शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बनाए रखते हुए उन्हें वेतन भुगतान आदि की सुविधाएं यथावत रखी जाए।

- राज्य सरकार समय रहते हुए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका एवं क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करें

- विकल्प के तौर पर 1,72,000 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के समकक्ष वेतन मान पर शिक्षा सहायक जैसे पद पर बनाकर समायोजित किया जाए।