- सिटी के स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डीएम ने की मीटिंग

- स्कूलों को होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइन फॉलो करने के दिए निर्देश

ALLAHABAD: अब जनपद के स्कूल हाई सिक्योरिटी अरेंजमेंट से लैस होंगे। पाकिस्तान के पेशावर में हुई घटना के बाद प्रशासन स्कूलों में सिक्योरिटी अरेंजमेंट को लेकर कई कदम उठाने की तैयारी में है। स्कूलों व कालेजेज में सीसीटीवी कैमरे से लेकर बाउंड्रीवाल को ऊंची करने जैसे कई आवश्यक कदम उठाने को लेकर होम मिनिस्ट्री व प्रदेश शासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूलों में सुरक्षा की व्यवस्था की जानकारी और उसमें आवश्यक सुधार करने को लेकर डीएम डीएम भवनाथ सिंह व एसएसपी दीपक कुमार ने मंडे को सभी स्कूलों के प्रिंसिपल व मैनेजर के साथ मीटिंग की। दोनों ही अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन को अपने यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के कड़े निर्देश भी दिए।

स्कूलों में लगे रेड एलर्ट हॉर्न

स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जारी गाइड लाइन के बाद सभी स्कूलों में रेड एलर्ट हॉर्न लगाने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे किसी भी आपदा के समय इसका प्रयोग करके सभी को इस बारे में जानकारी दी जा सके। इसके साथ ही स्कूलों में प्राइवेट ट्रेंड सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था करने और स्कूल के प्रवेश द्वार, क्लास रूम, प्रार्थना स्थल व प्रिंसिपल रूम में सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे स्कूल के अंदर हो रही सभी गतिविधियों पर सही तरीके से मॉनिटरिंग की जा सके। सीसीटीवी कैमरे की भी प्रॉपर मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए गए हैं। जिन स्कूलों में बाउन्ड्री वॉल नहीं है, वहां बाउन्ड्री वाल बनवाने, जहां पर उनकी ऊंचाई कम है, उसे ऊंचा कराने और बाहर की ओर कंक्रीट की बाउन्ड्री वाल बनाने का भी सुझाव दिया गया.जिलाधिकारी व एसएसपी ने कहा कि स्कूलों के साथ मिलकर कर ही इस प्लानिंग को सही तरीके से क्रियान्वित किया जा सकता है। इसलिए स्कूलों को भी इस बारे में अपनी जिम्मेदारी समझना आवश्यक है।

स्कूल वाहन चालकों व क्लीनरों को होगा सत्यापन

बच्चों को स्कूल लाने व ले जाने वाले वाहन चालकों व क्लीनरों के सत्यापन को भी अनिवार्य किया गया है। एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि इसमें प्राइवेट बसों के वाहनों के चालक शामिल होंगें। इसके साथ ही स्कूलों के खुलने व बंद होते समय प्रमुख चौराहों, स्थानों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स की उपलब्धता के आधार पर पिकेट व पेट्रोलिंग की व्यवस्था किए जाने के साथ ही उसे और अधिक सुदृढ़ किए जाने का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने स्कूल प्रबंधकों को सुझाव देते हुए कहा कि वे अपने यहां क्8 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वाहनों स्कूल आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए, जिससे अक्सर होने वाली दुघर्टनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

स्कूलों ने भी बतायी अपनी प्रॉब्लम

मीटिंग में स्कूलों ने भी अपनी समस्याओं को शेयर किया। कई स्कूलों ने अपने यहां बाउन्ड्री वाल को बनवाने या ऊंचा कराने को लेकर आने वाली आर्थिक दिक्कतों की बात कही। इस दौरान डीएम ने सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल को आश्वासन दिया कि वे इस बारे में शासन को लिखेंगे, जिससे इसका शीघ्र समाधान निकल सके।

ये हैं प्रमुख सुझाव

- स्कूल के मुख्य गेट, क्लास रूम व प्रमुख स्थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना

- सही तरीके से सभी सीसीटीवी कैमरो की मॉनिटरिंग

- स्कूल गेट पर प्रशिक्षित प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती

- प्राइवेट स्कूल वाहन चलाकों व क्लीनरों का सत्यापन

- स्कूल की बाउन्ड्री वाल को ऊंची करना, उसमें बाहर की ओर कंक्रीट का प्रयोग समेत अन्य कई सुझाव दिए गए हैं।