-आईआईटी के 49वें दीक्षांत समारोह में 884 यूजी को डिग्री

-मेडल पाकर आयुष व शालिनी ने छू लिया आसमां

-सफलता के बाद जुझारू तेवर बरकरार रखें

-चेस बादशाह विश्वनाथ आनंद को मानद उपाधि

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KANPUR : अब आपकी एंट्री ओपन व‌र्ल्ड में हो गई है। आप इंटेलिजेंट हैं, हार्डवर्क करने की क्षमता है, जूझने की ताकत है इसके अलावा आपका बेहतरीन लक आपके साथ है। ऐसे में आपको सफलता मिलना तय है, लेकिन लाइफ में असफलता न मिले तो उस सफलता की वैल्यू मालूम नहीं पड़ती। अब आपकी फ्यूचर की यात्रा यहीं से शुरू होती है। यह विचार आईआईटी के 49वें यूजी दीक्षांत समारोह के चीफ गेस्ट ने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन प्रो। डा। अरविन्द पनगडि़या ने व्यक्त किए। समारोह में चेस के व‌र्ल्ड चैंपियन रहे विश्वनाथ आनंद को तालियों की गड़गड़ाहट के बीच डायरेक्टर ने मानद उपाधि प्रदान की। इस मौके पर उनकी वाइफ अरुना आनंद मौजूद रहीं। डायरेक्टर ने एकेडमिक फील्ड में शानदार प्रदशर्न करने वाले मेरिटोरियस आयुष सेखरी को प्रेसीडेंट गोल्ड व शालिनी गुप्ता को डायरेक्टर गोल्ड मेडल प्रदान किया।

सफलता के बाद टारगेट सेट करें

विश्वनाथ आनंद ने मंगलवार को मानद उपाधि लेने के बाद ऑडिटोरियम में स्टूडेंट्स से इंट्रैक्शन करते हुए कहा कि सफलता के बाद भी दो गुनी ताकत से और फोकस करना चाहिए। सफलता को लेकर अगर बैठ गए तो दुनिया आगे निकल जाएगी। अपना टारगेट पहले से ही प्लान करके रखोगे तो समस्या नहीं आएगी। जब दीक्षांत की ड्रेस कोड के बारे में जानकारी मिली तो मुझे अर्जुना अवार्ड की यादें ताजा हो गई। प्रेसीडेंट हाउस की अवॉर्ड सेरेमनी में ड्रेस कोड में अवॉर्ड दिया गया था। मीडिया से इंट्रैक्शन करते हुए कहा कि रियो ओलंपिक में इंडिया को ज्याद मेडल मिलेंगे, लेकिन इसके लिए मेहनत करनी होगी। स्कूल लेवल पर चेस को बढ़ावा दिया जा रहा है जो कि अच्छा संकेत है।

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गठजोड़ इतना आसान नहीं

दीक्षांत समारोह में इंस्टीट्यूट डायरेक्टर ने संस्थान की प्रगति रिपोर्ट पेश की। संस्थान ने कई विदेशी यूनिवर्सिटी से हाथ मिलाया है। इसके अलावा मल्टीनेशनल कंपनियों का रिसर्च एंड डेवलपमेंट वर्क चलने की बात कही। आईआईटी बीओजी चेयरमैन मारुति सुजुकी चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि इंडस्ट्री व एकेडमिया का गठजोड़ एक दिन में नहीं हो जाएगा। इंडस्ट्री आज की डेट में वहीं पैसा खर्च करना चाहती है जहां से उसे प्रॉफिट होगा। इस मौके पर प्रो। नीरज मिश्रा, प्रो। राजीव गुप्ता, प्रो। सुधीर कांबले, प्रो। कृपा शंकर, डिप्टी डायरेक्टर प्रो। अजीत चतुर्वेदी मौजूद रहे।