शुक्रवार को नॉर्वे एकाएक विस्फोट और गोलीबारी से दहल उठा। उटोइया द्वीप पर पुलिस की पोशाक में एक व्यक्ति ने लेबर पार्टी के यूथ कैंप में हिस्सा ले रहे युवकों पर अंधाधुंध गोलियाँ चलाईं। इस गोलीबारी में कई लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

इससे पहले मरने वालों की संख्या 17 बताई गई थी। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा था कि गोलीबारी में मरने वाले लोगों की संख्या कहीं ज़्यादा है। इस बीच पुलिस का कहना है कि उन्होंने संदिग्ध हमलावर को गिरफ़्तार कर लिया है। संदिग्ध हमलावर का नाम आंद्रे बेहरिंग ब्रिविक बताया गया है और कहा जा रहा है ये नॉर्वे का ही नागरिक है।

इससे पहले नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में प्रधानमंत्री कार्यालय के पास बड़ा धमाका हुआ, जिसमें सात लोग मारे गए हैं और कई लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री येंस स्टॉल्टनबर्ग ने स्थिति को काफ़ी गंभीर बताया है। अभी तक किसी गुट ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।

एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री स्टॉल्टनबर्ग ने हमलों को कायरतापूर्ण कार्रवाई बताते हुए इसे लोकतंत्र पर हमले की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि अभी ये कहना मुश्किल है कि गिरफ़्तार व्यक्ति अकेले था या फिर उनके साथ और भी लोग थे।

राहतकार्य

माना जा रहा है कि ओस्लो में प्रधानमंत्री कार्यालय के पास हुए धमाके के बाद क्षतिग्रस्त हुई इमारतों में कई लोग दबे हो सकते हैं। टेलीविज़न फुटेज में सरकारी इमारतों को मलबे में तब्दील हुए देखा जा सकता है। सड़कों पर मलबा पड़ा है और शीशे टूटे पड़े हैं। कई इमारतों में आग लग गई है।

शहर में आने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है। सुरक्षाकर्मी इमारतों से लोगों को निकाल रहे हैं। ओस्लो पुलिस के सहायक प्रमुख कांस्टेबल इगिल व्रेके ने बीबीसी को बताया है कि ओस्लो में राहत कार्य जारी है।

उन्होंने बताया, "हम लोगों को सावधान कर रहे हैं कि वे इस इलाक़े में न रहें ताकि अगर और धमाके हों तो उन्हें नुक़सान न हो। हमने पूरे इलाक़े को घेर रखा है। मौक़े पर बम विशेषज्ञों का दस्ता भी मौजूद है."

नॉर्वे में हुए हमलों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा, फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सरकोज़ी और ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है।

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