चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद शुरू हुआ गुपचुप चुनावी बिसात का दौर

खामोशी के साथ घर-घर वोटर्स से मिल वोट पक्के करने में जुटे कैंडीडेट

सोशल मीडिया में होगा प्रचार, विरोधी-वोट काटने की रणनीति में जुटी पार्टीज

BAREILLY: इलेक्शन कमीशन की ओर से भले ही चुनाव खत्म होने से ब्8 घंटे पहले प्रचार पर ब्रेक लगा दिए गए हों, लेकिन बावजूद इसके वोट मांगने की कवायद जारी है। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद सड़कों पर दिखने वाला कैंडीडेट्स का सारा जोर अब पर्दे के पीछे बखूबी आजमाया जा रहा है। प्रचार थमते ही जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है और इसके साथ ही वोटर्स को आखिरी मौके पर अपने पाले में लाने की जी तोड़ कोशिशें भी। विरोधियों को भनक लगे बिना जनता से वोट मांगने का आखिरी जोर लगाया जाने लगा है, साथ ही पोलिंग सेंटर्स पर वोटर्स को लुभाने और सोशल मीडिया के जरिए उन्हें प्रभावित करने की कवायद भी।

घर-घर खामोश जनसंपर्क

चुनाव प्रचार थमते ही भले ही खुले तौर पर कैंपेनिंग खत्म हो गई हो, लेकिन जनता के बीच खामोशी से जनसंपर्क अभियान वेडनसडे को भी जारी रहेगा। पोलिंग डे से एक दिन पहले वोट पक्का करने को कैंडीडेट्स एक दो कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर जाकर खामोशी से जनसंपर्क में जुटे हैं। वहीं कैंडीडेट्स की ओर से उनके कार्यकर्ता और समर्थक भी डोर टू डोर कैंपेनिंग कर वोटर्स को अपने पक्ष में रिझाने के लिए हर जतन करने में लगे है। सरेआम मीटिंग नहीं कर सकते, इसलिए एक-एक करके वह वोटर्स से मिल रहे हैं।

शुरू वोटों की सेंधमारी

चुनाव से एक दिन पहले विरोधी कैंडीडेट्स की वोटों में सेंधमारी का खेल भी शुरू हो गया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और छोटे दलों को अपने धड़े में शामिल करने के लिए पार्टीज की गुपचुप मीटिंग की जा रही हैं। यह मीटिंग ना तो कैंडीडेट्स के आवास पर और ना ही पार्टी ऑफिस पर हो रही हैं, जिससे विरोधी पार्टियों को भनक ना लगे। अपने किसी समर्थक या कार्यकर्ता के घर पर की जा रही इन मीटिंग्स में सभी पार्टियां विरोधी खेमे के वोटर्स को जोड़ने-तोड़ने में जुट गई हैं, जिससे वोट बैंक की सेंधमारी कर जीत की राह बनाई जाए।

लग गई पोलिंग बूथ्ा की बोली

प्रचार खत्म होते ही कैंडीडेट्स के कार्यकर्ताओं द्वारा पोलिंग बूथ के लिए बस्ते बांटने का काम लगभग पूरा हो गया है। सभी बड़ी पार्टीज की ओर से हर पोलिंग बूथ के लिए अपना एक पोलिंग एजेंट तैयार कर उसे यह बस्ता थमाया जा रहा है। बस्ते में वोटर स्लिप, पेन और वोटर लिस्ट के अलावा क्,000 से क्भ्00 रुपए भी होते हैं। पोलिंग बूथ के पास लगने वाले टेबलखर्च में उन्हें यह रुपए दिए जाते हैं। सोर्सेज की मानें तो इन बस्तों को पाने के लिए बोली लगती है। पोलिंग एजेंट अपने साथ भारी समर्थक होने का दावा कर कैंडीडेट्स को ज्यादा वोट दिलाने का भरोसा दिला इन बस्तों की नीलामी कराते हैं।

सोशल मीडिया पर जारी प्रचार

डोर टू डोर जनता से जनसंपर्क करने के अलावा सोशल मीडिया भी चुनावी प्रचार का खामोश जरिया बना हुआ है। चुनाव प्रचार थमने के बावजूद कैंडीडेट्स की टीम बेहद सधे तरीके से सोशल मीडिया का इस्तेमाल अब भी कैंपेनिंग कर रही है। बस तरीका बदल गया है। पार्टीज अपने कैंडीडेट्स के प्रोफाइल से यह प्रचार ना कर समर्थकों व कार्यकर्ताओं के सोशल नेटवर्किंग अकाउंट से ऐसा कर रही है। इसमें फेसबुक, ट्विटर और सबसे ज्यादा व्हाट्सएप बड़ा हथियार बना हुआ है, जो इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस से भी बचा है।

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अब किया प्रचार तो होगी एफआईआर

सिटी में पोलिंग शुरू होने में ख्ब् घंटे भी नहीं रह गए हैं। ऐसे में कैंडीडेट बिना भीड़ लिए सिर्फ डोर टू डोर जाकर ही जनता से संपर्क कर सकते हैं। इस दौरान कोई भी कैंडीडेट ना तो रोड शो और न ही रैली कर कार्यकर्ताओं के साथ घूम सकता है। इसके अलावा ना तो किसी को पैम्फलट्स, पोस्टर या कोई भी प्रचार सामग्री बांटी जा सकेगी। अगर कोई भी आचार संहिता का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करेगी। एसएसपी जे रविंद्र गौड ने इस संबंध में सभी पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए हैं।