Election commission से fixed rate पर सामान मिलना मुश्किल

प्रत्याशी परेशान, कैसे करें payment, कैसे mantain होगा register

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: चारों ओर महंगाई को लेकर हल्ला मचा है लेकिन विधानसभा चुनाव इससे जुदा है। निर्वाचन आयोग की ओर से जारी की गई खर्च की दरें इसकी तस्दीक कर रही हैं। वाहन, होटल के कमरे से लेकर जनरेटर के किराए तक की जो दरें आयोग ने जारी की हैं वह मार्केट रेट से कहीं कम हैं। जिसका फायदा प्रत्याशी भरपूर उठा रहे हैं। हालांकि, वह भी कम नही हैं। इतनी छूट दिए जाने के बावजूद वह हर चुनाव में इससे भी कम रेट अपने खर्च में दिखाते हैं।

कहां मिलेगी इतनी सस्ती सूमो-क्वालिस

चुनाव में सबसे ज्यादा यूज होने वाली सूमो-क्वालिस और कारों के किराए की जो दर आयोग ने जारी की है, उसे जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। आयोग ने सूमो-क्वालिस की किराया दर 1400 रुपए प्रतिदिन की जारी की है। जबकि मार्केट में इनका खुला रेट दो हजार रुपए प्रतिदिन है। इसी तरह कार की दरें 1200 रुपए प्रतिदिन निर्धारित हैं और मार्केट में इनका किराया अलग-अलग है। छोटी कारें जहां कम से कम 1600 रुपए में उपलब्ध हैं वही बड़ी कार दो हजार रुपए में हायर होती है। वहीं, हांडा सिटी का किराया पांच हजार रुपए है। आयोग की दरों में ड्राइवर का किराया प्रतिदिन तीन सौ रुपए बताया गया है, जबकि पांच सौ रुपए से नीचे कोई भी ड्राइवर तैयार नही होता है।

इतने में तो डारमेट्री ही मिलेगी

राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को चुनाव प्रचारकों और पदाधिकारियों समेत वीआईपीज के लिए होटलों में कमरे बुक कराने होते हैं। आयोग ने होटल के सामान्य श्रेणी के कमरों की दरें 450 से 1500 रुपए निर्धारित की है, जो कि असल मार्केट रेट से कहीं कम है। इतने मे तो शहर के थर्ड क्लास होटलों की डारमेट्री ही मिल सकती है। शहर के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के होटलों के सामान्य कमरों का किराया वर्तमान में दो हजार रुपए से अधिक है। इसी तरह स्टैंडर्ड कमरों का रेट सात से आठ हजार रुपए प्रतिदिन रखा गया है। लग्जरी रूम्स का किराया दस हजार से 18 हजार रुपए रुपए के बीच है। वही आयोग ने स्टैंडर्ड कमरों का रेट 2800 से 5500 रुपए निर्धारित किया है।

यहां भी मिल गई छूट

ऐसे ही आयोग ने पांच केवीए, 7.5 केवीए और दस केवीए के जनरेटर का किराया 500, 550 और 850 रुपए निर्धारित किया है। अगर मार्केट में जनरेटर लेने जाएं तो केवल पांच सौ केवीए का एकदिन का किराया आठ से एक हजार रुपए तक लिया जाता है। इसी तरह 7.5 केवीए का जनरेटर 1300 और दस केवीए का जनरेटर 1800 रुपए से कम में नही मिलेगा।

फिर भी कम पड़ते हैं 28 लाख

इतना सब होने के बावजूद चुनाव में प्रत्याशियों को चुनावी खर्च लिमिट 28 लाख रुपए कम पड़ जाती है। अपने खर्च को इस लिमिट में एडजस्ट करने के लिए वह तय दरों से भी कम रेट शो करते हैं। जिसको लेकर आयोग कई बार नाराजगी भी व्यक्त कर चुका है।

प्रत्याशी कितना भी कम खर्च दिखाए, दरें आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप ही रहेंगी। इसी के अनुसार उन्हें अपना हिसाब-किताब मेंटेन करना है।

अवनीश चंद्र द्विवेदी

विधानसभा चुनाव निर्वाचन व्यय प्रभारी और मुख्य कोषाधिकारी