ALLAHABAD: परिसीमन और आरक्षण में शहर के वार्डो का नक्शा ही बदल गया है। जो वार्ड जनरल थे, वे महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए हैं। ऐसे में पूर्व पार्षदों ने प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए परिवार की महिलाओं व बहू को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्हें मैदान में उतारने के बाद पूर्व पार्षद जी जान से जीत के मोहरे सेट करने में लगे हैं।

 

केस-1

पोस्टर दिखाकर इशारों से मांगती हैं वोट

वार्ड नंबर 65 बहादुरगंज से कांग्रेस की पार्षद प्रत्याशी मूक बधिर नसीमा बेगम इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। ये बचपन से ही मूक बधिर हैं। बहादुरगंज की सीट महिला आरक्षित होने की वजह से कांग्रेस नेता इरशाद उल्ला की पत्नी नसीमा बेगम मैदान में हैं। ये घर-घर जाकर पोस्टर दिखाकर लोगों से अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर ही हैं। निकाय चुनाव में किसी मूक बधिर की दावेदारी का यह अनोखा मामला बताया जा रहा है। नसीमा बेगम को तीन बच्चे भी हैं। सुबह उठ कर परिवार की जिम्मेदारी संभालने के बाद जनसंपर्क में निकल जाती हैं। पति इरशाद उल्ला घर की जिम्मेदारियां निभाने के साथ उनकी जीत के लिए मोहरे सेट करने में जुटे हैं।


केस-2

सुबह मैडम, दोपहर बाद पति संभालते हैं मैदान

परिसीमन के साथ वार्ड का आरक्षण क्या बदला, अशोक नगर वार्ड के पूर्व पार्षद अहमद अली ने वार्ड बदलते हुए वार्ड 21 गंगा नगर से अपनी पत्नी मोमिना सिद्दीकी को चुनाव मैदान में उतार दिया। मोमिना सिद्दीकी ने बताया कि वे प्रति दिन सुबह आठ बजे घर के काम निबटा कर मोहल्ले की महिलाओं के साथ लोगों से मिलने-जुलने निकल जाती हैं। इस दौरान पति अहमद अली घर की जिम्मेदारी संभालते हैं। दोपहर बाद जब वह लौट कर आती हैं तो पति उनके समर्थन में लोगों से वोट मांगने निकलते हैं।

 

केस-3

पति के अस्मिता की लड़ाई लड़ने उतरीं मंजुला

नए परिसीमन में इस बार शहर के पुराने वार्डो में एक कटघर का वजूद ही खत्म कर दिया गया। कटघर वार्ड के ज्यादातर एरिया को वार्ड 60 मुट्ठीगंज भाग-2 में शामिल कर दिया गया। वार्ड का वजूद खत्म होने और आरक्षण बदलने से पूर्व पार्षद सतीश केसरवानी की पत्नी मंजुला केसरवानी निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं। आठ साल की बेटी और चार साल के बेटे को पति के जिम्मे छोड़ वह सुबह आठ बजे के बाद जनसंपर्क में निकलती हैं और दोपहर बाद घर लौटती हैं। पति सतीश केसरवानी भी चुनाव में पूरी मदद कर रहे हैं।

 

केस-4

ससुर के क्षेत्र से बहू आजमा रहीं भाग्य

वार्ड 51 दारागंज से राजेश निषाद कई बार पार्षद रह चुके हैं। इस बार आरक्षण में दारागंज की सीट महिला आरक्षित होने की वजह से पूर्व पार्षद राजेश निषाद चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं तो उनकी बहू श्रीमती उमा निषाद चुनाव मैदान में हैं। पूर्व पार्षद बहू के समर्थन में प्रचार करते हुए लोगों से वोट मांग रहे हैं। बहू उमा निषाद सुबह आठ बजे के बाद ही चुनाव प्रचार में निकल जा रही हैं।