- अकबरपुर लोकसभा सीट पर 24 अप्रैल को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा मतदान

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KANPUR : अब जब अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में मतदान के लिए चंद घंटों का वक्त ही बचा है, ऐसे में कई सवाल आपके जहन में भी कौंध रहे होंगे जैसे घर पर वोटर आईडी कार्ड नहीं पहुंचा तो कैसे वोट डालें चुनाव वाले दिन कार या बाइक से वोट डालने जा सकते हैं या नहीं घर अकबरपुर में है और ऑफिस कानपुर नगर में पड़ता है इन तमाम सवालों को लेकर कनफ्यूजन मत रखें आई नेक्स्ट आपके इन्हीं सवालों का जवाब लेकर आया है क्योंकि जब कनफ्यूजन होगा दूर, तभी मतदान होगा भरपूर पेश है ऐसे अहम सवाल और डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर डॉ। रोशन जैकब के जवाब

24 और 30 को, दोनों दिन छुट्टी

उन वोटर्स की सबसे बड़ी टेंशन जिनका घर अकबरपुर लोकसभा में पड़ता है और जॉब या बिजनेस के लिए उन्हें कानपुर नगर आना पड़ता है। भला वो कैसे मतदान करेंगे डीएम डॉ। रोशन जैकब के मुताबिक मतदान चाहे अकबरपुर में हो या कानपुर नगर में। 24 अप्रैल व 30 अप्रैल दोनों ही दिन दोनों लोकसभा क्षेत्रों में पब्लिक हॉलीडे है। यानि 24 अप्रैल को अकबरपुर के साथ-साथ कानपुर नगर लोकसभा क्षेत्र में भी बंदी रहेगी। ठीक इसी तरह 30 अप्रैल को कानपुर नगर के साथ अकबरपुर में भी छुट्टी रहेगी। एसएसपी अजय मिश्रा ने बताया कि मीडिया संस्थानों को छोड़कर दोनों ही दिन अकबरपुर व कानपुर नगर के सभी सरकारी-अर्धसरकारी व प्राइवेट सेक्टर स्टेबलिशमेंट्स में छुट्टी रहेगी। जिससे वहां काम करने वाले कर्मचारी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।

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गाडि़यों की आवाजाही पर रोक नहीं

आम दिनों की तरह मतदान वाले दिन भी प्राइवेट वेहिकल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। चुनाव आयोग की तरफ से कोई रोकटोक नहीं है। ना ही किसी तरह का 'स्पेशल पास' इश्यू किया गया है। मतदान करना हो तो अपना वाहन पोलिंग सेंटर से 100 मीटर दूर खड़ा करें। कार में ड्राइवर समेत कुल 5 लोग ही परमिटेड हैं। फैमिली में सदस्यों की संख्या ज्यादा है तो दो वाहनों का इस्तेमाल करें। या पोलिंग सेंटर जाने के लिए गाड़ी के दो राउंड लगा लें।

मोबाइल फोन पर बैन

मतदान करने जा रहे हैं तो मोबाइल साथ मत ले जाएं। अगर बहुत जरूरी है तो पोलिंग सेंटर में अंदर जाने से पहले उसे अपनी कार या गाड़ी की डिग्गी में रख दें। इस बार चुनाव आयोग ने मोबाइल पर पाबंदी लगा दी है। आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार ज्यादातर स्मार्ट फोन हाई रेजोल्यूशन वाले कैमरों से लैस होते हैं। पोलिंग बूथ के अंदर की फोटोग्राफी या वीडियो क्लिपिंग बनाये जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। लिहाजा, मोबाइल पर बैन लगा दिया गया है।

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स्लिप या वोटर कार्ड नहीं मिला

प्रशासन का दावा है कि फोटो वोटर स्लिप और वोटर कार्ड का सौ फीसदी डिस्ट्रिब्यूशन हो चुका है। फिर भी किसी रीजन से आप तक फोटोवोटर स्लिप या वोटर आईडी कार्ड नहीं पहुंचा है तो टेंशन मत लीजिए अगर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज है और वोटर कार्ड नहीं है। तो आप किसी अन्य फोटो आईडी प्रूफ की मदद से मतदान कर सकते हैं।

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वोटर कार्ड है पर लिस्ट में नाम नहीं

अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड है, लेकिन वोटर लिस्ट में नाम दर्ज नहीं है। ऐसे में आप मतदान नहीं कर सकते। लेकिन अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है पर वोटर आईडी कार्ड नहीं है। तब आप मतदान के हकदार हैं। कोई भी फोटो आईडी प्रूफ दिखाकर आप अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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ऐसे ढूंढे अपना नाम, वोटर स्लिप और पोलिंग बूथ

वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए फॉर्म-6 भरकर जमा किया था। मगर, अब तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि लिस्ट में आपका नाम है या नहीं तो तीन आसान तरीकों से अपना नाम वोटर लिस्ट में सर्च कर सकते हैं। साथ ही वोटर स्लिप भी हासिल की जा सकती है।

1- इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट ceouttarpradesh.nic.in पर लॉग-इन करें। फिर 'सर्च योर नेम इन वोटर लिस्ट' ऑप्शन पर क्लिक करके अपना नाम ढूंढ सकते हैं।

2- अपने नाम पर क्लिक करने पर आपकी कम्प्यूटर स्क्रीन पर वोटर स्लिप दिखेगी। इस पर आपकी पर्सनल डिटेल, पोलिंग बूथ समेत अन्य जानकारियां लिखी होंगी, इसका प्रिंटआउट निकालकर अपने साथ पोलिंग बूथ ले जा सकते हैं।

3- अपने मोबाइल के मैसेज बॉक्स पर UPEPIC

नंबर टाइप करें। फिर उसे 9ख्क्ख्फ्भ्7क्ख्फ् पर भेज दें। आपके पास एक मैसेज आएगा। जिस पर आपके पोलिंग बूथ की जानकारी होगी।

ब्- अधिक जानकारी के लिए डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिस के कंट्रोल रूम नंबर 0भ्क्ख्-ख्फ्फ्क्8म्0, म्क्, म्ख् पर कॉल कर सकते हैं।

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फर्जी मतदान पर डालें 'टेंडर वोट'

पोलिंग बूथ पहुंचने पर पता चले कि आपका वोट पड़ चुका है। तो ऐसे वोटर्स 'टेंडर वोट' का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने सभी बूथों पर इसके लिए ख्0-ख्0 फॉर्म भिजवाए हैं। क्लेम करने पर आपको पीठासीन अधिकारी एक फॉर्म देगा। इसे भरने के बाद आप वोट डाल सकते हैं। बाद में काउंटिंग के समय इस वोट को ईवीएम में पड़े वोट की संख्या में से घटा दिया जाता है।

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चैलेंज वोट की भी व्यवस्था

बूथ पर ऐसी सिचुएशन भी आ सकती है जब पोलिंग पार्टी आपकी आइडेंटिटी पर सवालिया निशान लगाते हुए आपको ही फर्जी वोटर घोषित कर दे। ऐसी कंडीशन में 'चैलेंज वोट' का इस्तेमाल होता है। इस प्रक्रिया में पोलिंग पार्टी और वोटर दोनों ही ख्-ख् रूपए जमा करते हैं। इसके बाद मौके पर एक फॉर्म भरवाकर 'चैलेंज वोट' डलवाया जाता है। काउंटिंग के दौरान यहां भी ईवीएम के कुल वोट्स में से इसे माइनस कर दिया जाता है।

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