-सिर्फ आर्येद्र शर्मा और संदीप गुप्ता की ही बची लाज

-कुल वोट्स का छठा हिस्सा नहीं पा सके 101 उम्मीदवार

-दून की 10 सीटों पर खड़े थे 123 उम्मीदवार

-बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशियों को छोड़कर 103 ने लड़ा चुनाव

DEHRADUN: इस विधानसभा चुनाव में कई रिकॉर्ड बने और कई टूटे। राजधानी दून भी इससे अलग नहीं। इस विधानसभा चुनाव में बागी और निर्दलियों की बाढ़ आ रखी थी। अकेले देहरादून जिले की क्0 विधानसभा सीटों के लिए क्ख्फ् प्रत्याशी मैदान में थे। हालत ये रही कि इनमें से क्0क् प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। ये सभी वे प्रत्याशी थे जो बीजेपी और कांग्रेस को छोड़कर या तो निर्दलीय मैदान में उतरे या फिर किसी और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। ऐसे क्0फ् उम्मीदवार थे। इनमें से सिर्फ दो उम्मीदवार ही जमानत जब्त होने से बचा पाए। ये हैं सहसपुर से बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे कांग्रेस के बागी आर्येद्र शर्मा और ऋ षिकेश विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी संदीप गुप्ता। इन दोनों के अलावा क्0क् उम्मीदवार कुल वोट्स का क्/म् हिस्सा हासिल नहीं कर सके।

एकतरफा पड़े वोट

देहरादून जिले की क्0 सीटों के लिए इस बार कई दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की फौज खड़ी थी। कई ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरे थे जिन्हें उनकी पार्टियों ने टिकट नहीं दिया। ऐसे ज्यादातर उम्मीदवार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दम ठोक रहे थे। इनकी कोशिश थी कि वे अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार के लिए मुश्किल खड़ी कर देंगे। लेकिन मोदी की लहर में सब बह गए। हालत ये हुई कि क्0फ् में से क्0क् उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा पाए। इसके पीछे एक और बड़ा कारण ये भी रहा कि कुछ प्रत्याशियों ने तो नामांकन कराया और फिर अपने क्षेत्र में दिखाई ही नहीं दिए।

कइयों ने खूब बहाया पैसा

जिन उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई उनमें कई ऐसे भी थे जिन्होंने प्रचार प्रसार में खूब पैसा भी बहाया और गली गली की खाक भी छानी, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। बीजेपी और कांग्रेस से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे कई प्रत्याशी अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों को पछाड़ने के लिए दम लगाए हुए थे। इनमें आर्येद्र शर्मा का नाम प्रमुख है। कांग्रेस से बगावत कर सहसपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरे शर्मा तीसरे नंबर पर रहे। शर्मा के मैदान में उतरने से पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय बुरी तरह चुनाव हार गए। रायपुर और धर्मपुर दो-दो सीटों से ताल ठोक रहीं कांग्रेस की ही बागी नेता मैडम रजनी रावत ने भी रायपुर सीट पर खूब जोर आजमाइश की। दोनों ही सीटों से कांग्रेस के प्रत्याशी हार गए और वहां केसरिया रंग और चटख हो उठा।