बनारस की बिजली दो

क्या आप प्राइम मिनिस्टर या चीफ मिनिस्टर के चेले हैं? क्या आप इन दोनों महानुभाव की पार्टी के नेता है? अजी हम आप ही को खोज रहे हैं। अपनी चार पहिया पर पार्टी का झण्डा लगाकर भौकाल देना छोडि़ये और बनारस की लाखों जनता की आवाज ऊंची कुर्सी पर बैठे अपने नेताजी तक पहुंचा दीजिये। वो इतनी ऊंची कुर्सी पर जा बैठे हैं कि पब्लिक की आवाज उन्हें सुनाई नहीं दे रही है। हमारी रिपोर्ट में महसूस कीजिये पब्लिक का दर्द और कुछ करिये जनाब क्योंकि आगे भी चुनाव होने हैं

बिजली दे रहे हैं कि बुलाएं 'दादा' को?

- चीफ मिनिस्टर का वादे में फिर मिल रहा धोखा, दो घंटे की जगह 12 से 14 घंटे कट रही बिजली

- बेहिसाब कटौती से मचा हाहाकार, इन्वर्टर दे रहा जवाब, मोबाइल चार्ज करने को भी बिजली नहीं

- श्यामदेव दादा ने किया था अनशन तब बनारस को किया गया था कटौती मुक्त, फिर बिगड़े हालात

<बनारस की बिजली दो

क्या आप प्राइम मिनिस्टर या चीफ मिनिस्टर के चेले हैं? क्या आप इन दोनों महानुभाव की पार्टी के नेता है? अजी हम आप ही को खोज रहे हैं। अपनी चार पहिया पर पार्टी का झण्डा लगाकर भौकाल देना छोडि़ये और बनारस की लाखों जनता की आवाज ऊंची कुर्सी पर बैठे अपने नेताजी तक पहुंचा दीजिये। वो इतनी ऊंची कुर्सी पर जा बैठे हैं कि पब्लिक की आवाज उन्हें सुनाई नहीं दे रही है। हमारी रिपोर्ट में महसूस कीजिये पब्लिक का दर्द और कुछ करिये जनाब क्योंकि आगे भी चुनाव होने हैं

बिजली दे रहे हैं कि बुलाएं 'दादा' को?

- चीफ मिनिस्टर का वादे में फिर मिल रहा धोखा, दो घंटे की जगह क्ख् से क्ब् घंटे कट रही बिजली

- बेहिसाब कटौती से मचा हाहाकार, इन्वर्टर दे रहा जवाब, मोबाइल चार्ज करने को भी बिजली नहीं

- श्यामदेव दादा ने किया था अनशन तब बनारस को किया गया था कटौती मुक्त, फिर बिगड़े हालात

VARANASI:

VARANASI:

अच्छे दिन की आस लगाये बनारस की जनता की बत्ती गुल है। प्राइम मिनिस्टर के निर्वाचन डिस्ट्रिक्ट बनारस के लिये जिस चीफ मिनिस्टर ने बनारस को ख्ब् घंटे बिजली देने का वादा किया था वो वादा अब धोखे में बदल चुका है। सीएम के ऑर्डर को ठेंगा दिखा कर रोजाना दो घंटे कटौती का आर्डर पिछले महीने आ चुका है। मगर मामला सिर्फ दो घंटे कटौती का नहीं है। यहां तो पिछले कुछ दिनों से क्ख् से क्ब् घंटे कटौती हो रही है। सिचुएशन खराब है मगर नेताजी लोग हैं कि उनको कोई फर्क ही नहीं।

आने का वक्त ना जाने का

बिजली कटौती का हाल ये है कि इसका शेड्यूल पूरी तरह बेमानी साबित हो रहा है। लखनऊ कंट्रोल रूम से शाम तीन से पांच बजे तक बिजली कटौती का समय निर्धारित है। इसके अलावा जितनी भी कटौती है वो शेड्यूल्स नहीं है। हाल ये है कि ना बिजली के आने का वक्त है ना जाने। एक घंटे में पांच तीन बार बिजली आ जा रही है तो कभी कभी तीन से चार घंटे तक गायब हो जा रही है। एक ओर जहां इमरजेंसी और लोकल फॉल्ट्स के नाम पर अंधाधुंध कटौती हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ विभागीय अधिकारी अपना सारा ध्यान वसूली पर केंद्रित किये हुए हैं। इमरजेंसी कटौती के नाम पर रात में तीन से चार बार बिजली कट रही है।

मौसम ने बढ़ा दी है मुश्किल

जहां बिजली कटौती ने पानी, चार्जिग, साफ-सफाई की मुश्किलें खड़ी कर दी हैं वहीं इस कोढ़ में खाज का काम मौसम कर रहा है। पिछले तीन-चार दिनों से भीषण गर्मी और उमस से कूलर-पंखे की जरूरत कुछ ज्यादा हो रही है। जबकि मौसम के तीखे तेवर के साथ बिजली कटौती की मार और गहरा गयी है। इस कदर कटौती हो रही है जिसमें इन्वर्टर भी टें बोल जा रहा है। यहां तक की लोगों को मोबाइल फुल चार्ज करने में भी दिक्कत हो रही है।

टूटा वादा, याद आए दादा

याद दिला दें कि मई महीने के अंत में करीब एक हफ्ते तक शहर दक्षिणी विधायक श्यामदेव राय चौधरी दादा कंपनी गार्डेन में अनशन किया था। उनकी लगातार बिगड़ रही हालत को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने दादा की मुलाकात सीएम अखिलेश यादव से कराई गई थी। इसके बाद सीएम अखिलेश यादव ने दादा को बनारस शहर में ख्ब् घंटे बिजली सप्लाई देने के प्रति आश्वस्त किया था। लेकिन यह वादा सिर्फ महीने भर के अंदर ही टूट गया। पहले दो घंटे के नाम पर तीन से पांच घंटे कटौती होने लगी। जबकि एक सप्ताह के अंदर ये कटौती क्ख् से क्ब् घंटे पहुंच चुकी है।

दादा तोमी कोथा आच्ची?

पब्लिक गुस्से में है। पब्लिक का गुस्सा सपा और भाजपा दोनों की पार्टियों को लेकर है। हैरानी की बात यही है कि पीएम का निर्वाचन क्षेत्र होने के बाद से हर गली मुहल्ले में भाजपा के नेता पैदा हो गये हैं। समाजवादी पार्टी के हजारों नेता पहले से हैं। लेकिन दोनों ही पार्टियों के नेताओं को पब्लिक का ये दर्द दिखाई नहीं दे रहा। बीजेपी नेताओं से गुस्सा होने के बावजूद पार्टी के विधायक दादा लोगों को फिर से याद आने लगे हैं क्योंकि पिछली बार भी यही एक विधायक थे जिन्हें पता था कि बिजली कटौती कितनी तकलीफ दे रही है। बनारसियों का कहना है कि लगता है कि एक बार फिर दादा को बुलाना पड़ेगा। बिजली कटौती के अंधेरे में दादा किसी उम्मीद की रोशनी से कम नहीं। लोगों आशान्वित हैं कि दादा के फिर से अनशन पर बैठने से बिजली कटौती में सुधार आ सकता है।

लखनऊ में शक्ति भवन से लगातार बातचीत होती रहती है। चेयरमैन ने हमसे रक्षाबंधन के बाद बिजली सप्लाई सामान्य होने की बात कही थी। लेकिन उनकी बात झूठी निकली। यूपी सरकार को ही बिजली देनी है। उनपर दबाव बनाने की तैयारी चल रही है।

- श्यामदेव राय चौधरी 'दादा', विधायक शहर दक्षिणी

कटौती बार-बार, मुश्किलें हजार

- ख्ब् घंटे में क्ख् से क्ब् घंटे की कटौती का सीधा असर घर-घर में पड़ रहा है।

- लोगों को सबसे ज्यादा पीने के पानी के लिये जूझना पड़ रहा है।

- गर्मी के इस माहौल में इन्वर्टर के जवाब देने पर बच्चे हो रहे बेहाल।

- रात में चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं लोग, हो रहा है छतों पर रतजगा।

- नेक्स्ट मंथ है पब्लिक स्कूल के बच्चों का हाफ इयरली एग्जाम, नहीं हो रही पढ़ाई।

- बिजली के भरोसे काम करने वालों के सामने आ गया है रोजी-रोटी का संकट।

ऐसे नेता किस काम के

- शहर में सभी बड़ी पॉलिटिकल पार्टियों के नेताओं की है भरमार मगर किसी को कटौती की परवाह नहीं।

- सिटी एरिया में भाजपा के तीन विधायक मगर बाकी दो कटौती के मामले में साधे हैं चुप्पी।

- दादा भी हैं दु:खी मगर कुछ करने से पहले पार्टी लेवल पर चाहते हैं सपोर्ट जो कि अभी नहीं मिला।

- प्रधानमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद बिजली सप्लाई के मामले में गांव जैसे हैं हालात।

- सपा के दिग्गज नेताओं को नहीं पता कि कटौती हो रही है या नहीं, कांग्रेस वाले भी पड़े हैं ठंडे।