- यूपीसीएल ने पीडब्ल्यूडी को भेजी योजना की डीपीआर

- शहरी विकास मंत्री ने मांगा था खर्चे को लेकर प्रस्ताव

DEHRADUN: शहर के यातायात में बाधक बन रहे बिजली के पोल जल्दी ही हटाए जाएंगे। बाकायदा, इसके लिए उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन ने एक प्रोजेक्ट भी तैयार कर पीडब्लयूडी को सौंप दिया है। बिजली के पोलों को हटाने में कुल म्भ् लाख रुपए खर्च होंगे। बताया जा रहा है कि धन आवंटित होते ही पोलों को हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।

मंत्री ने दिए थे निर्देश

दून की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। अभियान के तहत शहर में कई अतिक्रमण भी चिन्हित किए गए हैं, ऐसे में सड़कों से बिजली के पोल हटाने भी जरूरी हैं, क्योंकि इनके चलते भी यातायात व्यवस्था बाधित होती है। साथ ही जब तक बिजली के पोल नहीं हटाए गए अतिक्रमण हटाने का मकसद पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाएगा। शहरी विकास मंत्री ने ऊर्जा निगम को निर्देश दिए थे कि सिटी में यातायात व्यवस्था में बाधित बन रहे बिजली के पोलों को हटाने के लिए खर्चे का प्रस्ताव भेजा जाए।

पीडब्ल्यूडी को भेजा प्रस्ताव

शहरी विकास मंत्री के आदेश के बाद अब यूपीसीएल ने अपना प्रस्ताव तैयार कर नोडल एजेंसी पीडब्ल्यूडी को प्रस्ताव भेज दिया है। शहर में सबसे ज्यादा बिजली के पोल जो यातायात व्यवस्था में बाधा बन रहे हैं, उनमें रिस्पना पुल से लेकर प्रिंस चौक, प्रिंसचौक से घंटाघर, त्यागी रोड, चंद्रनगर, कचहरी रोड मुख्य हैं। यूपीसीएल के एसई के अनुसार चिन्हित बिजली के पोल हटाने से पहले नई बिजली की लाइन तैयार की जाएगी। जिससे बिजली व्यवस्था में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। नई लाइन तैयार होने के बाद पुरानी लाइन को हटा दिया जाएगा। यूपीसीएल अब रिस्पना से प्रिंस चौक, कचहरी रोड में अतिक्रमण हटने व शासन से बजट स्वीकृत होने का इंतजार कर रहा है। जिसके बाद सड़कों से बिजली के पोल व पुरानी लाइनें शिफ्ट कर दी जाएगी।