कुछ ऐसी है जानकारी
इसको लेकर बताया जा रहा है कि हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, कार, तिपहिया वाहन, हल्के व भारी कमर्शियल वाहनों को लेकर पूरे देश में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी की जाएगी. उद्योग मंत्रालय की एक रिपोर्ट सरकार की इस पूरी तैयारी का खुलासा करती नजर आती है. मंत्रालय की मानें तो इसके जरिए करीब 950 करोड़ लीटर ईंधन को बचाया जा सकेगा. अब सवाल ये उठता है कि इस लक्ष्य को भला कैसे पाया जा सके. ऐसे में बताया जा रहा है कि लक्ष्य को किस भी तरह हासिल करने को लेकर मंत्रालय व ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स और ऑटो कंपोनेंट मैन्यूफैक्चर्स के बीच बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर ही पूरे रोडमैप को तैयार किया जाएगा.

इसपर होगा जोर
जानकारी देते हुए भारी उद्योग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर देश में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देना है तो इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की देश में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देना ही होगा. इसी उद्देश्य से बीती 8 अप्रैल को एक बेहद खास इंडिया स्कीम लांच की गई है. यही नहीं, ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स और ऑटो कंपोनेंट मैन्यूफैक्चर्स संग भी बैठक आयोजित की गई. बताया जा रहा है कि डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में गंभीर तौर पर मैन्यूफैक्चरिंग, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, कस्टमर को इंसेटिव देने की दिशा में कदम उठाने की बात की गई है. इसके अलावा फेम स्कीम के लिए आवंटित राशि को बढ़ाने पर भी विचार किया गया है.

ये है फेम स्कीम
अब यहां ये भी जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार क्या है फेम स्कीम. बता दें कि चंद दिनों पहले ही यह स्कीम लांच हुई है. फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) में पहले दो साल में 795 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अंतर्गत ग्राहक को कम कीमत पर हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक वाहन दिए जाएंगे. वहीं इसके अंतर्गत दुपहिया वाहन पर 1800 रुपये से लेकर 29 हजार रुपये तक और कार पर 13000 रुपये से लेकर 1.38 लाख रुपये तक की छूट भी मिलेगी. इस छूट की भरपाई मैन्यूफैक्चर्स को सरकार की ओर से की जाएगी. इसके साथ ही तिपहिया वाहनों पर 3300 रुपये से लेकर 61 हजार रुपये तक व बसों पर 34 लाख रुपये से 61 लाख रुपये तक की छूट ग्राहक को दी जाएगी.

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