- कॉन्टीन्यू बिजली सप्लाई के दावे काफूर

- 20 घंटे की जगह 10 घंटे से भी कम मिल रही बिजली

- ऑल्टरनेटिव व्यवस्थाएं भी नहीं दे रही साथ

BAREILLY: गर्मी के दस्तक देते ही बिजली ने आंख मिचौली करनी शुरू कर दी है। बिजली विभाग के दावे सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गए हैं। बिजली सप्लाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। समय पर बिजली बिल जमा करने के बाद भी शहरवासियों को बिजली के लिए ऑल्टरनेटिव अरेंजमेंट करने पड़ रहे हैं। बिजली कटौती इतनी अधिक हो रही है कि ऑल्टरनेटिव व्यवस्थाएं भी समय से पहले दम तोड़ दे रही हैं। पूरे शहर में एक सामान बिजली सप्लाई का दावा भी फेल है। एक ही शहर में बिजली कटौती अलग-अलग हो रही है। बिजली सप्लाई के नाम पर ठेंगा दिखा रहे बिजली विभाग ने 'बिजली बचाओ' अभियान भी शुरू कर दिया है। चुनाव के दौरान जिन शहरवासियों को क्8 से ख्0 घंटे मिल रही थी, चुनाव सम्पन्न होते ही वो सप्लाई मात्र कुछ घंटों में सिमट कर रह गई है।

कांटीन्यू 8 घंटे सप्लाई भी नहीं

पॉवर कॉरपोरेशन ने बरेली अर्बन में ख्0 घंटे बिजली सप्लाई के निर्देश दिए हैं, लेकिन आलम यह है कि बरेलियंस को कॉन्टीन्यू 8 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है। सिटी में मॉर्निग 8 से क्0 और रात क्क् से क् बजे के बीच टोटल चार घंटे की रोस्टिंग होनी चाहिए, लेकिन बिजली सप्लाई की हालत इससे इतर है। सिटी के ज्यादातर एरियाज में मॉर्निग म् से 8 बजे, दोपहर ख् बजे, रात क्0 बजे व सुबह ब् बजे भी कटौती हो रही है, जबकि चुनाव के समय ऐसा नहीं था। इलेक्टोरल ऑफिसर्स के सख्त निर्देश की वजह से रोस्टिंग छोड़कर बिजली कटौती बिल्कुल नहीं हो रही थी।

ऑल्टरनेटिव व्यवस्था भी नाकाफी

बिजली कटौती इस हद तक हो रही है कि इंर्वटर भी जवाब दे रहे हैं, जिसके कारण लोगों ने मिनी जेनरेटर भी खरीद रखे हैं। इस वजह से शहरवासियों को बिजली बिल के अलावा डीजल के लिए एक्स्ट्रा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। एक्सपर्ट की मानें तो एक इंवर्टर को फुल चार्ज होने के लिए कॉन्टीन्यू आठ से दस घंटे बिजली मिलनी चाहिए, लेकिन बरेली की सच्चाई इससे इतर है। आठ घंटे बिजली तो नहीं, आठ घंटे की कटौती जरूर हो रही है।

अभी तो और बुरा हाल होगा

अभी तो यह शुरुआत है। टेम्प्रेचर बढ़ने के साथ ही बिजली कटौती का सिलसिला और बढ़ेगा, क्योंकि गर्मी के दिनों में ट्रांसफार्मर और ब्रेकर जलने की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। पिछले साल की बात करें तो सिर्फ गर्मी के दिनों में म्00 से अधिक ट्रांसफार्मर जले थे। इस साल भी ट्रांसफार्मर जलने का सिलसिला शुरू हो गया है। सिटी के विभिन्न एरिया की बात करें तो एक दर्जन से अधिक ट्रांसफार्मर पिछले एक महीने में जल चुके हैं। बिजली विभाग का जिस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर है, उसके अकॉर्डिग स्थिति काफी भयावह होने वाली है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि ख्भ्0 और ब्00 केवी के नए ट्रांसफार्मर के लिए पॉवर कॉरपोरेशन से डिमांड की गई है। अगर नए ट्रांसफार्मर आते हैं तो फ‌र्स्ट, सेकेंड और थर्ड डिविजन के एरिया में लगाए जाएंगे। जर्जर हो चुके ट्रांसफार्मर को भी चेंज किया जाएगा, ताकि गर्मी मध्य में ज्यादा प्रॉब्लम्स ना हो। सभी डिविजन में एक्स्ट्रा ट्रांसफार्मर की भी व्यवस्था रहेगी, लेकिन विभाग चंद नए ट्रांसफार्मर की बदौलत पूरे सिटी की बिजली सप्लाई के बिगड़ते हालात को कैसे काबू करेगा।

बिजली है नहीं और चला रहे अभियान

घंटों बिजली कटौती के बाद भी अधिकारी बिजली बचाने के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चला रहे हैं, ताकि बिजली की बचत हो सके। पिछले दिनों लखनऊ में पॉवर कॉरपोरेशन के अधिकारियों की बैठक हुई थी। बैठक में डिविजन हेड को निर्देशित किया कि वह अपने क्षेत्र के स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे और बाजारों में यह देखें कि दिन में कहां-कहां बल्ब या सोडियम जल रहे हैं। उन्हें चिह्नित कर आस पास के नागरिकों को इसके लिए अवेयर करें, साथ ही उनसे अपील करें कि वह भी अपने घर के बाहर दिन में बिजली नहीं जलने दें। इसके लिए विभाग ने अवेयरनेस के स्लोगन लिखे स्टीकर, पोस्टर और किस उपकरण में कितनी बिजली लगती है आदि की स्टेशनरी छपवाई है। इन्हें आम उपभोक्ताओं को बांटा जाएगा। बिजली बर्बादी को अपराध मानते हुए संगत धाराओं में उपभोक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। ट्यूजडे को कई एरिया में ऑफिसर्स ने बिजली बचाओ अभियान चलाया।

बिजली सप्लाई ठीक करने के लिए नए ट्रांसफार्मर की डिमांड की गई है। कुछ नए ट्रांसफार्मर आ भी गए हैं। सब स्टेशन की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है, ताकि बिजली की सप्लाई कॉन्टीन्यू की जा सके।

समुद्दीन, एसडीओ, बिजली विभाग

ट्यूजडे पूरी रात बिजली गायब रही। दिन व रात मिलाकर बमुश्किल भ् घंटे ही बिजली रही होगी। गर्मी के कारण रात में नींद पूरी नहीं हो पा रही है।

प्रियांशु, बड़ा बाजार

हमारे एरिया में पांच शिफ्ट में बिजली कटौती हो रही है। इंवर्टर भी काम नहीं करता है। इलेक्शन के टाइम ख्0 घंटे तक बिजली मिलती थी।

सचिन गुप्ता, प्रेमनगर

समय से बिल जमा करने के बाद भी प्रॉपर बिजली नहीं मिल रही है। हर मौसम में बिजली कटौती का यही आलम रहता है। कई बार कंप्लेन करने के बाद भी सुनवाई नहीं हो होती है।

अनिल कुमार, इज्जतनगर