- कलेक्ट्रेट के पास दुकानों में चल रहे फॉर्म बिक्री की कालाबाजारी

BAREILLY:

न्यू बिजली कनेक्शन के लिए फॉर्म की शहर में खुलेआम कालाबाजारी चल रही है। कलेक्ट्रेट स्थित दुकानों पर फॉर्म के मनमाना रुपए वसूले जा रहे हैं। यहीं नहीं अधिकृत दुकानदार (ठेकेदार) मौके पर गए बिना ही बिजली कनेक्शन और वायरिंग की प्रमाणिकता की पुष्टि भी कर रहे हैं, जिसके बदले लोगों से मोटी रकम भी वसूलते हैं। थर्सडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने स्टिंग किया तो इस मामले का खुलासा हुआ।

सुरक्षा से कर रहे खिलवाड़

बिजली विभाग ने इन दुकानदारों को अधिकृत कर रखा है। ताकि, इनके जरिए लोग अपने इंडस्ट्रीज और प्रतिष्ठानों में वायरिंग करा सकें। इससे यह पुष्टि होती है कि जो वायरिंग हुई है वह मानक के अनुरूप है। इस अधिकार की आड़ में ठेकेदार अवैध उगाही कर रहे हैं। यदि कोई बाहरी ठेकेदार से वायरिंग कराता है, तो वह उसे प्रमाणित करने का रुपए लेते हैं। उसके बाद फॉर्म और चालान विद्युत सुरक्षा निदेशालय में जमा हो जाता है। बाकी फीस एसबीआई मेन ब्रांच में जमा हाेती है।

80 रुपए तक का बेच रहे फॉर्म

मनमाना दाम वसूले का खेल कलेक्ट्रेट के आसपास चल रही दुकानों पर हो रहा हैं। एक से पांच किलोवॉट तक के कनेक्शन के फॉर्म 60 से 80 रुपए में बिक रहे हैं। जबकि, दो वर्ष पहले बीएल फॉर्म बंद कर दिया गया है। डोमेस्टिक बिजली कनेक्शन के लिए बीएल फॉर्म की कोई आवश्यकता नहीं होती है। सिर्फ, औद्योगिक कनेक्शन के लिए बीएल फॉर्म कस्टमर को जमा करना हाेता है।

2003 के पहले था नियम

वर्ष 2003 के पहले दुकानों पर फॉर्म बेंचे जाने का नियम था, लेकिन उसके बाद यूपीईआरसी के हाथ में सारा मामला चला गया। तब से यूपीईआरसी डॉट ऑर्ग के अलावा यूपीपीसीएल डॉट ऑर्ग वेबसाइट पर ही फॉर्म अवेलेबल हैं। यहीं नहीं बिजली विभाग में भी कस्टमर को फ्री में फॉर्म दिए जाने का नियम हैं।

कर्मचारियों की लापरवाही

कर्मचारियों की लापरवाही के चलते कस्टमर्स को ऑफिस से फॉर्म नहीं मिल पाता है। जब भी कोई कस्टमर नए कनेक्शन के लिए विभाग पहुंचता है, तो कर्मचारी उसे मार्केट से फॉर्म लेने की सलाह देते हैं। उनका यही कहना होता है कि कलेक्ट्रेट पर चले जाइए सारा काम हो जाएगा। फॉर्म भी मिल जाएगा। स्टाम्प और चालान का भी काम हो जाएगा।

इस वेबसाइट से फॉर्म कर सकते डाउनलोड

uperc.org

uppcl.org

बॉक्स मैटर

फ‌र्स्ट डिवीजन के उपभोक्ता

euddfbly@yahoo.com

सेकंड डिवीजन के उपभोक्ता

xeneudd2bly@yahoo.com

थर्ड डिवीजन के उपभोक्ता

exen3BAREILLY@gmail.com

फोर्थ डिवीजन के उपभोक्ता

- अभी आईडी जेनरेट नहीं हुआ है।

नोट- रिलेटेड डिवीजन के उपभोक्ता नए बिजली कनेक्शन, लोड बढ़ाने सहित अन्य फॉर्म मेल कर प्राप्त कर सकते हैं।

गुप्ता फोटो स्टेट

आईनेक्ट - आपके पास बिजली कनेक्शन के लिए फॉर्म है।

दुकानदार - हां हैं।

आईनेक्स्ट - कितने रुपए का मिलेगा।

दुकानदार - 5 किलोवॉट तक का कनेक्शन हैं, तो 75 रुपए का फॉर्म मिलेगा।

आईनेक्स्ट - इतना महंगा फॉर्म क्यों दे रहे हैं।

दुकानदार - इतने ही रुपए का मेरे यहां मिलेगा।

आईनेक्स्ट - लेकिन बिजली विभाग तो बोल रहा था कि 10 रुपए में फॉर्म मिल जाएगा।

दुकानदार - हम लोग रजिस्टर्ड दुकानदार हैं, गलत फॉर्म नहीं बेचते हैं।

आईनेक्स्ट - कुछ कम में फॉर्म नहीं देंगे।

दुकानदार - नहीं दे पाएंगे।

आईनेक्स्ट - अच्छा जरा फॉर्म दिखाइए।

दुकानदार - फॉर्म देखकर क्या करेंगे। लेना है, तो बोलिए।

भाटिया फोटो सेंटर

आईनेक्स्ट- नया बिजली कनेक्शन लेने के लिए फॉर्म मिल जाएगा।

दुकानदार- मिल जाएगा। कॉमर्शियल या डोमेस्टिक कनेक्शन के लिए।

आईनेक्स्ट- दुकान है उसी के लिए कनेक्शन चाहिए।

दुकानदार- ओके, कितने वॉट का कनेक्शन लेना है।

आईनेक्स्ट- 5 किलोवॉट का।

दुकानदार - एसी भी चलेगा।

आईनेक्स्ट - हां।

दुकानदार- तो फिर एक फॉर्म 70 रुपए का मिलेगा।

आईनेक्स्ट - ठीक है। फॉर्म के साथ और कुछ देना होगा।

दुकानदार - चालान फॉर्म, एड्रेस प्रूफ और फोटो।

आईनेक्स्ट- उसके बाद मुझे क्या करना होगा।

दुकानदार - फॉर्म का जो प्रोफार्मा हैं वह भरना होगा। विभाग से मुहर लगवा कर फीस जमा करनी होगी।

कुछ ठेकेदार अधिकृत किए गए हैं। ताकि, लोग प्रतिष्ठानों, हॉस्पिटल या अपार्टमेंट में वायरिंग उनसे ही कराएं। इससे यह विश्वास रहता है कि जो भी वायरिंग हुई है, वह मानक के अनुरूप होगी। पूरी जवाबदेही इनकी होती है। यदि, वह ऐसा नहीं कर रहे हैं या मनमाना रुपए वसूल रहे हैं, तो गंभीर मामला है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

मिथिलेश कुमार, डिप्टी डायरेक्टर, विद्युत सुरक्षा निदेशालय, बरेली