-हॉस्पिटल इमरजेंसी रिसपॉन्स प्लान में प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों प्रकार के आपदाओं से होगा बचाव

PATNA: बिहार के क्क् जिला अस्पतालों (अररिया, दरभंगा, पूर्वी चम्पारण, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, सहरसा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल एवं नालंदा) में हॉस्पीटल इमरजेंसी प्लान क्रियान्वित होगा। अस्पतालों को आपदा प्रबंधन के दौरान सशक्त एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए सुदृढ़ करने के उद्ेश्य से यह योजना लागू की जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार की गठित विशेष सहायक इकाई एवं राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के अभिषरण के साथ इस योजना को लागू करने की रणनीति तैयार की गयी है। हॉस्पीटल इमरजेंसी प्लान के क्रियान्वित होने से प्राकृतिक एवं कृत्रिम दोनों प्रकार की आपदा की परिस्थितियों में अस्पतालों में मानव बल प्रबंधन, इमरजेंसी मेडिसीन सप्लाई, इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी कौशल की सेवा प्रदान की जा सकेगी।

प्रतिभागियों को किया अवेयर

हॉस्पीटल इमरजेंसी रिस्पॉन्स प्लान के प्रथम चरण को लागू करने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में बिहार आपदा न्यूनतम रोडमैप ख्0क्भ्-फ्0 के कार्यान्वयन पर विस्तृत चर्चा की जा रही है। प्रथम चरण में योजना के लागू होने वाले जिलों के प्रतिभागियों (सिविल सर्जन, डिप्टी सुपरीटेंडेंट और हॉस्पिटल मैनेजमेंट) के आपदा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की महत्ता से अवगत कराया गया। प्रतिभागियों को आपदा के समय समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध होने से आपदा के घातक परिणामों पर काफी हद तक नियंत्रण करने की जानकारी दी गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ। यूके गुप्ता, निदेशक डॉ डीके गुप्ता उपनिदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार, मोना छाबड़ा कार्यक्रम प्रबंधक, एशियन डिजास्टर प्रीपेयडनेस सेंटर, डॉ गीतांजलि कुमारी, तकनीकी विशेषज्ञ, डॉ मुजफ्फर अहमद, पूर्व सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ऑथारिटी, डॉ अनीश बनर्जी सीनियर फिजिसियन आदि ने आपदा प्रबंधन के समय स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों पर अपना प्रजेंटेशन दिया।