- बेमौसम हुई बरसात के कारण बर्बाद हुई फसल के बाद अब किसानों को सताने लगा है कर्ज चुकाने का डर

- बैंकों की ओर कर्ज चुकाने के रिमाइंडर आने से कई किसान हुए परेशान

VARANASI: 'ऐ साहब हम तो पहले से ही बर्बाद हो चुकल हई बतावा अब कैसे भरी कर्ज। कौनो चारा नाहीं हौ, अब हमरे पास मरे के अलावा क्योंकि फसल कईले रहली कर्ज लेकर और अब तो सब तबाह हो गयल हो लेकिन कर्ज देने वाले कहां समझत हैं और बार बार कर्ज मांगे बदे कोई न कोई दरवाजे पर आई जात हौ। इसलिए सरकार से यही दरख्वास्त है कि भले मुआवजा देवे में लेट कर दे लेकिन कर्ज की माफी दिवा दे.' ये दर्द उन किसानो का है जिनकी फसलें इस बेमौसम बरसात में बर्बाद हो गई हैं। चोलापुर समेत पूरे जिले के लगभग 80 परसेंट किसानों के आगे इस वक्त ये ज्यादा बड़ी चिंता का विषय है कि कर्ज लेकर बोई गई फसल के बर्बाद होने के बाद कर्ज का भुगतान कैसे करे।

कौनो सुनी के नाही

चोलापुर के लखनपुर गांव में एक दिन पहले आई नेक्स्ट की पड़ताल के बाद किसानों का दर्द सामने आया था। इसी दौरान हमसे कई ऐसे किसान भी मिले जो कुछ ज्यादा ही परेशान थे। इन किसानों की परेशानी की वजह थी फसल बर्बाद होने के बाद लिए गए कर्ज को भरने की चिंता और बार बार कर्जदारों की दरवाजे पर दस्तक। गांव के किसान रामजग चौधरी का कहना था कि सवा बीघा खेत में गेहूं बोने के लिए कर्ज लिया था। बरसात ने सारी खेती ही चौपट कर दी। इतना भी नहीं बचा जो कुछ पैसा मिले। जिसके कारण अब चिंता इस बात की है कि बैंक से लिया कर्ज कैसे चुकाया जायेगा। वहीं गांव के ही किसान संग्राम सिंह का कहना है कि हालात बहुत खराब हैं। बारिश में फसल बची नहीं है और जो बची है वह किसी लायक नहीं रही है। ऊपर से बैंक से नोटिस भी आ चुका है लोन चुकाने का। इसलिए बस सरकार से यही निवेदन है कि बस भले मुआवजा देने में देरी कर दे लेकिन कर्ज माफी करा दे ताकि किसान जिंदा रह सके।