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- आरटीओ में बाबुओं के ट्रांसफर में बड़ा खेल

- ट्रांसफर किए गए 17 बाबू लेकिन पांच को ही किया गया रिलीव

GORAKHPUR: आरटीओ में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए वर्षो से एक ही पटल पर जमे बाबुओं का गैर जनपद तबादला कर दिया गया। लेकिन, अक्सर खेल करने वाले बाबुओं के ट्रांसफर के इस आदेश में भी खेल हो गया। अपनी पहुंच की बदौलत 12 बाबू ट्रांसफर के बाद भी न सिर्फ आरटीओ में जमे हुए हैं बल्कि उन्हें नई जिम्मेदारी भी दे दी गई है। शासन ने 14 अगस्त को 17 बाबुओं के ट्रांसफर का आदेश दिया। इनमें 5 बाबू तो 18 अगस्त को ही रिलीव कर दिए गए लेकिन बाकी को रिलीव न कर, अन्य पटल का चार्ज दे दिया गया। चर्चा है कि पुराने हिसाब-किताब को अपने तरीके से सही करने के लिए इन कर्मचारियों को आखिरी 'मौका' दिया गया है।

हमने उठाया था मुद्दा

नियम के मुताबिक एक जिले में तीन साल और मंडल में सात साल पूरा कर चुके कर्मचारियों के तबादले होते हैं। इसके अलावा ट्रांसफर नहीं होने की स्थिति में तीन साल पूरा होने पर पटल परिवर्तन जरूर होना चाहिए लेकिन यहां अधिकारियों की मेहरबानी से एक ही पटल पर कर्मचारी वर्षो से जमे थे। इसे लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 27 सितंबर 2017 को 'वर्षो से जमे हैं आरटीओ के 12 बरगद' हेडिंग से खबर पब्लिश की।

खबर पर हुआ तबादला

खबर छपने के बाद तत्कालीन ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के। रविंद्रनायक ने इस मामले की जांच कराई। जांच रिपोर्ट आने के बाद यूपी के नए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पी गुरु प्रसाद ने प्रदेशभर के आरटीओ के करीब 350 से अधिक ऐसे कर्मचारियों के ट्रांसफर का आदेश जारी कर दिया, जो एक जिले में तीन वर्ष और मंडल में सात वर्ष पूरा कर चुके हैं।

17 बाबुओं का हुआ ट्रांसफर

ऐसे में गोरखपुर आरटीओ में तैनात कुल 22 कर्मचारियों में से 17 कर्मचारियों का गैर जनपद में ट्रांसफर हो गया। 14 अगस्त को आरटीओ को शासन का ट्रांसफर आदेश मिल गया। आदेश में तत्काल सभी कर्मचारियों को रिलीव करने को कहा गया था लेकिन हैरानी की बात यह है कि आरटीओ ने 18 अगस्त को सिर्फ पांच कर्मचारियों को ही रिलीव किया। इतना ही नहीं, रिलीव कर्मचारियों के पटल का अतिरिक्त प्रभार भी आरटीओ ने वैसे कर्मचारियों को ही दे दिया, जिनका ट्रांसफर हो चुका है जबकि दूसरे जनपद से ट्रांसफर होकर तीन कर्मचारी यहां आ भी चुके हैं।

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तबादला रोकने की हो रही कोशिश

आरटीओ में चर्चा है कि आखिर ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों को प्रभार कैसे दे दिया गया? चर्चा है कि आरटीओ में कर्मचारियों की कमी दिखाकर बाकी कर्मचारियों का ट्रांसफर रोकने की कोशिश की जा रही है। वहीं यह भी चर्चा है कि जान-बुझकर इन कर्मचारियों को मौका दिया जा रहा है ताकि पिछली गलतियां छुपाई जा सकें।

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इन कर्मचारियों को हुआ है ट्रांसफर

दिनेश कुमार सिंह, धमेंद्र कुमार सिंह, प्रदीप सिंह, योगेंद्र कुमार सिंह, हर्षवर्धन राय, जितेंद्र पॉल, श्रीप्रकाश मालवीय, बलवंत सिंह, अजय सिंह, हृृदेश कुमार, श्रीप्रकाश गुप्ता, अमरनाथ सिंह, सुनील मणि त्रिपाठी, जीत बहादुर सिंह, चंद्रप्रकाश, कमरुजमां, मांडवी सिंह। इसके अलावा संदीप कुमार चौधरी, आरआई शिव बसंत राम सहित करीब 15 एनफोर्समेंट सिपाही।

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इन्हें किया गया है रिलीव

सुनील मणि त्रिपाठी, अजय सिंह, बलवंत सिंह, जीत बहादुर सिंह और अमरनाथ सिंह

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ट्रांसफर किए जा चुके इन कर्मचारियों को मिला एक्स्ट्रा चार्ज

श्रीप्रकाश मालवीय - परमानेंट लाइसेंस के साथ लर्निग लाइसेंस अनुभाग

बेचन प्रसाद - यात्री कर के साथ अस्थाई पंजीकरण

विरेंद्र मल्ल - प्रवर्तन के साथ कर अनुभाग