पहले सरकारी नौकरी के लिए रोजगार केंद्र में नाम दर्ज करवाना जरूरी होता था। बेरोजगार लोगों को नौकरी पाने का यह सबसे सही तरीका लगता था। लेकिन अब लगता है कि चलन खत्म होता जा रहा है। ये अब सहज स्वीकार्य तरीका नहीं रह गया है। वक्त की मांग को समझते हुए सरकार ने इरादा किया है कि इस माध्यम को नया जीवन दिया जाए पर एक अलग अंदाज में इसके तहत रोजगार केंद्रों को नेशनल पोर्टल के रूप विकसित किए जाने की योजना बनाई जा रही है। इस पोर्टल में देश के किसी भी कोने में नौकरी की जानकारी के साथ-साथ, इंटर्नशिप और टेक्निइकल स्किल बेहतर करने के कोर्स की जानकारी मुहैया करवाई जाएगी। ये नेशनल करियर सर्विस पोर्टल श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आएगा। इन रोजगार केंद्रों में नई जान फूंकने के इरादे तैयार किए जा रहे इस पोर्टल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जुलाई को इंडियन लेबर कॉन्फ्रेंस में उद्घाटन करेंगे।

बताया जा रहा है कि ये विचार यूनाइटेड किंगडम की सरकारी योजना से प्रेरित है जिसमें श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए सीधा बाजार तैयार किया जाता है। इस कार्यक्रम के अंतगर्त सरकार की कौशल और रोजगारपरक पीढ़ी को तैयार करने योजना है। नौकरी चाहने वालों के लिए विकल्पो की जानकारी देने के अलावा इस पोर्टल पर छात्रों की करियर काउंसलिंग की भी व्यावस्था की जाएगी। इस पोर्टल से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के नियोक्ता तो सीधे जुड़े ही होंगे, साथ ही परोक्ष नियोक्ता जैसे स्टाफिंग एजेंसियां और कौशल निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोग और प्रशिक्षक भी इसका हिस्सा होंगे।

ऐसी भी संभावना है कि इस योजना में अस्थायी और फ्लेक्सी श्रमिक मुहैया करवाने वाले इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन भी भागीदार बनाया जाए। भारत में इस समय मौजूद 982 रोजगार केंद्र में से पहले चरण में सरकार 100 को पोर्टल पर लाने की योजना बना रही है।

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