- प्रशासन की नजरअंदाजी से समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है

-फुटपाथ पर दुकान सजाकर राहगीरों को करते परेशान

FATEHPUR: 'फुटपाथ हमारा है' यह स्लोगन कस्बावासियों के लिए सिरे से खारिज होता है। यहां तो फुटपाथ अतिक्रमणकारियों के लिए होकर रह गया है। किसी को परेशानी हो या फिर जान चली जाए अतिक्रमणकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। कस्बे में फैला अतिक्रमण प्रशासन के लापरवाह होने की कहानी बयां कर रहा है। आए दिन समस्याओं की जद में लोग आते हैं। मामला प्रशासन के संज्ञान में भी जाता है। समस्या से निजात दिलाने के हवा हवाई बयान दिए जाते हैं। बीते कई वर्षों से समस्या दिनों दिन गहराती जा रही है।

हाईकोर्ट के आदेश की उड़ रही धज्जियां

जनता को दिए अधिकार चाहे हाईकोर्ट के हो या फिर सुप्रीमकोर्ट के हों, कस्बे में नगण्य साबित हो रहे हैं। फुटपाथ जनता के लिए हैं, इस पर चलने का पहला अधिकार पैदल यात्रियों का है। यह फैसला हाईकोर्ट ने दे रखा है। कस्बे में इसका पालन होता नहीं दिखाई दे रहा है। खुद के जमीन के बाद पड़ी सरकारी जमीन कब्जा करने की नियति सिर चढ़कर बोल रही है। फुटपाथ पर कब्जा करने की होड़ मची हुई है। खास बात यह भी है कि प्रशासन खुद संजीदा नहीं होता है। शिकायत करके विरोध लेने वाले स्थानीय नागरिकों को मुंह की खानी पड़ती है।

थाना पुलिस से सेटिंग का 'खेल'

जांच में रुपयों के लेन देन के आधार पर मामला रफा दफा हो जाता है। मेन रोड से ललौली मार्ग की बात करें तो यह बुरी तरह से अतिक्रमण के आगोश में समाया हुआ है। ललौली थाने जाते समय ब्लाक मुख्यालय आने परच्उच्चाधिकारियों की निगाह जरूर इस पर पड़ती है, लेकिन अभियान चलाकर सफाई करने का बीड़ा नहीं उठाया जाता है। फुटपाथ पर कब्जा होने और सड़क से दोनों ओर के वाहनों के आवागमन तथा दो पहिया और पैदल यात्रियों के एक साथ निकलने में सड़क जाम से कराह उठती है। इसके बाद भी प्रशासन के कान में जूं नहीं रेंग रहा है। बुधवार और शनिवार को साप्ताहिक बाजार लगने से दिन भर जाम की समस्या रहती है। फुटपाथ पर दुकानदारों का सामान और टैम्पो अड्डा संचालित होने से बुरा हाल है। प्रशासन की जो कार्यशैली है, उससे निजात मिल पाना मुश्किल हो रहा है। सड़क के किनारे मौरंग के ढेर लगाकर व्यवसाय हो रहा है।

पुलिस के दम पर चल रहे स्टैंड

फुटपाथ पर अतिक्रमण की एक वजह अनाधिकृत तौर पर संचालित हो रहे टैम्पो स्टैंड भी हैं। सवारियां भरने और वाहन खड़े करने का जिसने विरोध किया उसे अपमान झेलना पड़ता है। कई बार तो बात मारपीट तक पहुंच जाती है। टैम्पो स्टैंड के संचालन में पुलिस का सानिध्य प्राप्त है। आड़े तिरछे वाहन परेशानी का सबब बने हुए हैं। पुलिस विभाग ने अभी तक किसी पर कोई कार्यवाही नहीं की है। दिनों दिन बढ़ रहे वाहन जनता के लिए नासूर साबित हो रहे हैं।

अतिक्रमण करने की मची होड़

मुख्य मार्गों में अगर नजर दौड़ाएं तो साफ हो जाएगा कि अतिक्रमण करने की होड़ मची है। अगर कोई दुकानदार दो फिट तक सामान लगा रहा है तो अगले ही क्षण पड़ोसी दुकानदार ढाई फुट का कब्जा करने में कोई गुरेज नहीं करता है। कमोवेश यह हालत कस्बे की सभी सड़कों की है। जिससे लोगों को दुश्वारियां हो रही हैं। इसके बाद भी प्रशासन न तो कार्यवाही कर रहा है और न ही दुकानदार पीछे हट रहे हैं। गलत काम दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है।

- फुटपाथ पर अतिक्रमण परेशानी का सबब बना हुआ है। प्रशासन की कार्यवाही फुस्स साबित हो रही है। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

-मनोज कुमार

- फुटपाथ पर कब्जा हटाने के लिए प्रशासन को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। फुटपाथ पर अगर कार्यवाही करता है तो उसे व्यापक पैमाने पर समर्थन मिल सकता है।

-बब्लू सिंह

- प्रशासनिक लापरवाही से यह अवैध काम दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इस पर अंकुश न लगा तो आने वाले समय में अतिक्रमणकारी सड़क पर कब्जा कर लेंगे।

-नागराज सिंह

- अतिक्रमणकारियों च्े फुटपाथ पर बच्चों और महिलाओं का चलना मुश्किल कर दिया है। जान हथेली में रखकर यह लोग चल रहे हैं। जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

-सर्वेश कुमार गुप्ता

- अतिक्रमणकारियों को नैतिक जिम्मेदारी का पाठ खुद पढ़ लेना चाहिए। ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे दूसरों की जान पर बन आए।

-संतोष शिवहरे

- स्कूल की छुट्टी के च्मय सड़कों पर जब बच्चों का सैलाब चलता है तो मन कांप उठता है। फुटपाथ पर जगह नहीं होती है। सड़क पर भारी वाहन, दो पहिया, राहगीर चलते हैं। इससे निजात मिलनी चाहिए।

-गौतम सिंह