- 60 से अधिक ऐसे अतिक्रमण, जो हैं अब तक यूपी आवास विकास की जमीन पर

- पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड ऋषिकेश ने चिन्हित किए हैं ऐसे अतिक्रमण

DEHRADUN: दून को स्मार्ट सिटी बनाने और शहर के तमाम इलाकों से अतिक्रमण हटाने के सरकार के अभियान में धर्मपुर सब्जी मंडी पर ब्रेक लगता नजर आ रहा है। हकीकत यह है कि धर्मपुर सब्जी मंडी में दर्जनों ऐसे दुकान हैं, जिन्होंने अतिक्रमण कर रखा है। लेकिन प्रशासन इन दुकानों को हटा पाने में नाकाम है। इसकी वजह भी साफ है, जिन दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है, वह जमीन यूपी आवास विकास की है, जो अब तक उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित नहीं हो पाई है।

रिस्पना पुल से प्रिंस चौक तक लगातार फंस रहे हैं पेंच

संकरी सड़कें और ऊपर से उस पर अतिक्रमण। सरकार ने शहर के ऐसे स्थानों को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया हुआ है। पहले चरण की शुरुआत आईएसबीटी से लेकर क्लॉक टावर तक हुई। जबकि दूसरा चरण रिस्पना पुल से लेकर प्रिंस चौक तक चलना है। दूसरे चरण के लिए अतिक्रमण चिन्हित तो कर दिए गए हैं, लेकिन रिस्पना पुल से लेकर प्रिंस चौक तक के कई ऐसे चिन्हित अतिक्रमण हैं, जिनको हटाने के लिए तमाम विभागों के अलावा प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। रिस्पना पुल से लेकर प्रिंस चौक तक पीडब्ल्यूडी के दो प्रांतीय खंड अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं। अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। इनमें से कई ऐसे अतिक्रमणकारी हैं, जो कोर्ट की शरण में भी जा चुके हैं और कइयों ने विभागों व शासन के सामने अपना पक्ष रखा है।

कई मामले कोर्ट में

योजना के मुताबिक रिस्पना पुल से प्रिंस चौक तक काफी समय पहले ही अतिक्रमण पर बुलडोजर चल जाना था, लेकिन मामला अब तक लटका हुआ है। जिसको निपटाने पर सभी विभागों के अलावा जिला प्रशासन जुटा हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि धर्मपुर सब्जी मंडी से लेकर एलआईसी बिल्डिंग तक कई ऐसे अतिक्रमण हैं, जो यूपी आवास विकास की जमीन पर मौजूद हैं। पीडब्ल्यूडी ऋषिकेश प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता (ईई) बलराम मिश्रा का कहना है कि पीडब्ल्यूडी ने धर्मपुर सब्जी मंडी से लेकर एलआईसी बिल्डिंग तक जो अतिक्रमण चिन्हित किए हैं, उनमें से ज्यादातर यूपी आवास विकास की भूमि है, जो उत्तराखंड को अब तक ट्रांसफर नहीं हो पाई है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि सरकारों के स्तर पर इस पर आखिरी फैसला लिया जाएगा। लेकिन म्0 से अधिक ऐसे अतिक्रमण हैं, जो यूपी आवास विकास की जमीन पर हैं। जिनमें से कई मामले अदालत पहुंच चुके हैं। अब आखिरी निर्णय सरकार की तरफ से लिया जाना बाकी है।

पीडब्ल्यूडी ने धर्मपुर सब्जी मंडी से लेकर एलआईसी बिल्डिंग तक जो अतिक्रमण चिन्हित किए हैं, उनमें से ज्यादातर यूपी आवास विकास की भूमि है, जो उत्तराखंड को अब तक ट्रांसफर नहीं हो पाई है। कई मामले कोर्ट में हैं। सरकार को फैसला लेना है, क्या करें और क्या न करें।

बलराम मिश्रा, ईई, पीडब्ल्यूडी ऋषिकेश प्रांतीय खंड