- मैकेनिकल डिपार्टमेंट के स्टूडेंट ने हॉस्टल में लगाई फांसी

- दबंग स्टूडेंट और कॉलेज प्रशासन से परेशान था स्टूडेंट

- आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर लगाया जाम

-चेयरमैन, चीफ वार्डन की कार और कॉलेज बस में तोड़फोड़

- परतापुर पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद शांत कराया मामला

- 14 स्टूडेंटस, चीफ वार्डन और रजिस्ट्रार के खिलाफ केस दर्ज

Meerut: भारत इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) के अंदर चल रही जातीय वर्चस्व की जंग में एक स्टूडेंट की बलि चढ़ गई। बीटेक सेकेंड ईयर के स्टूडेंट ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या आत्महत्या कर ली। स्टूडेंट की मौत के बाद बवाल खड़ा हो गया। स्टूडेंट्स ने बाईपास पर लंबा जाम लगा दिया। चेयरमैन और चीफ वार्डन की गाडि़यों के शीशे फोड़ दिए। कॉलेज की बस में भी तोड़फोड़ की। सूचना पर पहुंची परतापुर पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद गुस्साए लोगों को शांत किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।

क्या है मामला

बिजनौर के नजीबाबाद में रहने वाले एमआर सुशील त्यागी का बेटा कल्पित त्यागी मैकेनिकल से बीटेक कर रहा था। वह सेकेंड ईयर का स्टूडेंट था। कल्पित का उसी हॉस्टल में रहने वाले अंकित भड़ाना के साथ जातीय वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा था। बुधवार देर रात को अंकित गुट और कल्पित गुट के स्टूडेंट्स में आपस में विवाद के बाद जमकर मारपीट हो गई थी, जिसके बाद दोनो स्टूडेंट्स के पिता को तलब कर गुरुवार को वार्डन ने समझौता करा दिया था। शुक्रवार दोपहर कल्पित के पिता इस मामले में समझौते की बात बताने के लिए चीफ वार्डन आशिष तायल के साथ रजिस्ट्रार केपी सिंह के पास गए थे। बताया जा रहा है वहां कल्पित को कॉलेज प्रशासन डांट लगा दी, जिसके बाद कल्पित अपने कमरे में खाना खाने की बात पिता और वार्डन से कहकर चला गया। पिता वार्डन के साथ रजिस्ट्रार रूम में बैठकर बात कर रहे थे। इस दौरान कल्पित ने अपने रूम में फांसी लगाकर जान दे दी। कल्पित का गेट बंद होने पर कुछ स्टूडेंट्स को आभास हुआ तो उन्होंने कल्पित का दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला, इसी बीच वार्डन और पिता भी मौके पर पहुंच गए और गेट तोड़ दिया। अंदर देखा तो कल्पित का शव पंखे पर लटका हुआ था। आनन-फानन में उसे निजी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने कल्पित को मृत घोषित कर दिया।

स्टूडेंट का गुस्सा फूटा

कल्पित की मौत की खबर जैसे ही कॉलेज में पहुंची तो स्टूडेंट्स का गुस्सा फूट गया। चीफ वार्डन की गाड़ी के शीशे फोड़ दिए। चेयरमैन की गाड़ी में तोड़फोड़ करने के बाद गाड़ी पलट दी। इतना ही नहीं कॉलेज के बाहर खड़ी स्कूल बस में भी तोड़फोड़ करके आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मृतक का शव रखकर सड़क पर जाम लगा दिया, आधा घंटे तक सड़क पर बीआईटी प्रशासन और आरोपी स्टूडेंट्स के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान एसपी सिटी ओमप्रकाश, सीओ विजय प्रताप यादव ने मामला शांत कराने की कोशिश की, लेकिन स्टूडेंट्स नहीं माने। बाद में एसपी सिटी ने लाठी फटकार कर जाम खुलवाया। इस दौरान स्टूडेंट्स ने बिल्डिंग के शीशे फोड़ दिए, कॉलेज प्रशासन के खिलाफ स्टूडेंटस में काफी आक्रोश था।

आग लगाने का प्रयास

तोड़फोड़ और जाम तक ही मामला सीमित नहीं रहा, स्टूडेंट्स ने कार में आग लगाने की भी कोशिश की। कुछ स्टूडेंट्स के हाथ माचिस भी लग गई थी, जिसको परतापुर पुलिस ने छीन ली। स्टूडेंट्स ने गमले भी फोड़ दिए। कुछ गमलों से ही गाड़ी के शीशे फोड़ने का काम किया गया है। पुलिस कर्मियों तक पर स्टूडेंट्स ने गमले फेंकने का काम किया।

पापा को बुलाया तो सुसाइड कर लूंगा

सर मेरे पापा को मत बुलाना, यदि आपने मेरे पापा से झगड़े की शिकायत की तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। यह बातें चीफ वार्डन से कल्पित ने कही थी। पिता के आने के बाद कल्पित मायूस रहने लगा था। चीफ वार्डन ने बताया कि कल्पित के मना करने के बावजूद मैंने पिता को मेरठ बुला लिया, समझौता होने के बावजूद आत्महत्या करना कल्पित का बहुत गलत कदम था।

मैं मौके पर गया था। फांसी लगाने के पीछे दो गुटों की लड़ाई सामने आ रही है, जिसका कॉलेज प्रशासन ने बिना पुलिस के हस्तक्षेप के समझौता करा दिया था। पीडि़त पक्ष की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया गया है।

-ओमप्रकाश

एसपी सिटी