- बच्चा चोरी का मामला, अल्ट्रासाउंड जांच के बाद पुरानी रिपोर्ट पर मंथन

- जिला महिला अस्पताल में गठित दो सदस्यीय डॉक्टर्स की टीम ने की जांच

GORAKHPUR: बच्चा चोरी के मामले में जिला महिला अस्पताल की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड ने शनिवार को जांच शुरू की। लेकिन अपनी ही जांच में डॉक्टर्स खुद उलझते नजर आए। डॉक्टर्स ने महिला का बयान लिया तो वह प्रसव की जगह स्पष्ट रूप से नहीं बता पाई। इस पर मेडिकल बोर्ड ने पुरानी रिपोर्ट चेक करने के साथ महिला का अल्ट्रासाउंड कराया।

जांच अभी अधूरी

सूत्रों की मानें तो बच्चा आठ माह का था लेकिन वह पेट में पानी सुख जाने की वजह से बच्चे पर असर पड़ा हुआ होगा। लेकिन महिला अभी भी नहीं बता रही है कि उसके बच्चा कहां जन्म हुआ है, इस पर संशय बरकरार है। यह भी बताया जा रहा कि महिला के स्तन से दूध निकल रहा है। मेडिकल बोर्ड का कहना है कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

यह है मामला

मोतीराम बड्डा के रहने वाले शिवराजी देवी दस मार्च की सुबह प्रसव पीड़ा के दौरान निजी साधन से प्रेग्नेंट लेडिज को महिला अस्पताल में दाखिल कराया लेकिन जान पहचान वाली एक महिला ने उसे अपने झांसे में लेकर निजी अस्पताल पहुंची, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया। दूसरे दिन शुक्रवार को संदेह के घेरे में आई अस्पताल की एक दाई से पुलिस ने पूछताछ की लेकिन सबूत के अभाव में उसे छोड़ दिया गया। महिला अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच कराने का फैसला लिया। शनिवार की सुबह परिजन प्रेग्नेंट लेडिज को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां दो सदस्यीय टीम में डॉ। साइबा सिद्दकी व डॉ। सुसमा सिन्हा ने जांच शुरू की। महिला के भर्ती से लेकर जांच तक की रिपोर्ट पर मंथन किया। इतना ही नहीं अल्ट्रासाउंड भी कराया गया। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए है वह हैरान करने वाला है। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में आठ माह का बच्चा था और महिला के पेट का पानी पूरी तरह से सूख चुका था। जिससे बच्चा नुकसान भी हो सकता है। मेडिकल बोर्ड ने अभी तक रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन को नहीं सौंपा है। रिपोर्ट में क्या है इस पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

वर्जन

मेडिकल बोर्ड ने महिला की जांच की है। जांच रिपोर्ट मुझे नहीं मिला है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ भी स्पष्ट हो पाएगा।

डॉ। एके गुप्ता, एसआईसी महिला अस्पताल