-एनएसआई में इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की क्लासेस होंगी शुरू

-अब शुगर इंडस्ट्री 40 लीटर प्रति टन उत्प्रवाह बाहर निकालेगी, पहले 100 लीटर की परमीशन थी

-एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स को इनवायरमेंटल ब्रांच में एडमिशन मिलेगा

KANPUR:

नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट में इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की क्लासेस शुरू करने की कवायद तेज कर दी गई है। संस्थान की एडवाइजरी कमेटी की हुई मीटिंग में इसे हरी झंडी भी मिल चुकी है। इसके माध्यम से शुगर इंडस्ट्री से होने वाले प्रदूषण को भी कम करने की कवायद है। इसके अन्तर्गत अभी तक शुगर इंडस्ट्री से जो उत्प्रवाह 100 लीटर निकलता था, अब उसे घटाकर 40 लीटर प्रति टन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह नियम नवंबर 2015 से लागू कर दिया जाएगा।

एथनाल की मिक्सिंग 5 परसेंट करने का टारगेट

नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट की एडवाइजरी मीटिंग में सेंट्रल गवर्नमेंट के ज्वाइंट सेक्रेट्री शुगर एण्ड शुगर एडमिनिस्ट्रेशन प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि पेट्रोल में अभी तक 3.5 परसेंट एथनाल मिलाया जा रहा है, लेकिन अब इसे 5 परसेंट करने का टारगेट रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस बार शुगर इंडस्ट्री से 80 हजार करोड़ लीटर एथनाल सरकार को देने का एग्रीमेंट साइन किया गया है। ताकि जो परमीशन सेंट्रल गवर्नमेंट ने पेट्रोल में मिश्रण करने की दी है, उसे पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि देश में करीब 24 लाख मीट्रिक टन शुगर की खपत है। जबकि हमारे यहां की शुगर इंडस्ट्री ने 3 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त प्रोडक्शन किया है।

एनएसआई के डायरेक्टर ने बताया कि शुगर इंडस्ट्री से निकलने वाले उत्प्रवाह को कम करने का डिसीजन लिया गया है। पहले 100 लीटर प्रति टन की परमीशन थी, अब यह घटाकर 40 लीटर प्रति टन कर दी गई है। शुगर इंडस्ट्री में कम से कम प्रदूषण करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसी वजह से इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कराने को ग्रीन सिग्नल दे दिया गया। इस कोर्स में एडमिशन नेशनल लेवल पर होने वाले एंट्रेंस एग्जाम को क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स को मिलेगा। पहले बैच में करीब 20 मेरीटोरियस स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा।

इंस्टीट्यूट में इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग का डिपार्टमेंट जल्द ही शुरू हो जाएगा। डिस्टलरी और शुगर इंडस्ट्री में इस कोर्स की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स को जॉब मिलेगी। प्रपोजल इस वीक में फूड एण्ड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मिनिस्ट्री को भेज दिया जाएगा। शुगर इंडस्ट्री में पहले उत्प्रवाह 100 लीटर पर टन बाहर निकलता था जो कि अब नवंबर 2015 से 40 लीटर पर टन कर दिया जाएगा। इस इंडस्ट्री में प्रदूषण कम करने के लिए यह कोर्स शुरू किया जा रहा है।

-प्रोफेसर नरेन्द्र मोहन, डायरेक्टर नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट