बनाया गया ‘ऑनलाइन ट्रांसफर क्लेम पोर्टल’
पिछले दो-तीन सालों से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) अपनी सूरत बदलने में लगा हुआ है. पूरे संगठन का डिजिटलीकरण अब अंतिम चरण में है. कुछ महीनों पहले पुराने खाते को नए खाते में ट्रांसफर करवाने के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू हो चुकी है. इसके लिए इपीएफ की वेबसाइट से जुड़ा ‘ऑनलाइन ट्रांसफर क्लेम पोर्टल’ बनाया गया है. हाल ही में कई और बड़े बदलाव हुए हैं. यहां एक नजर डालेंगे कुछ खास बदलावों पर.

कई सुविधाएं मिलेंगी आपके कम्प्यूटर पर ही
इपीएफओ अगले महीने की 16 तारीख से अपने सदस्यों के लिए स्थायी खाता संख्या (यूनिवर्सनल एकाउंट नंबर या यूएएन) सेवा शुरू करने जा रहा है. यूएएन सदस्यों के पूरे कॅरियर के लिए वैध होगा और इसका इस्तेमाल पूरे भारत में कहीं भी किया जा सकता है. इस तरह नौकरी बदलने पर पीएफ खातों के ट्रांसफर के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी. इपीएफओ ने अपने सदस्यों को एकल खिड़की के माध्यम से सुविधाएं प्रदान करने के लिए यूएएन आधारित ई-सेवा पोर्टल तैयार कर लिया है. इसके जरिये यूएएन कार्ड और सदस्य पासबुक डाउनलोड की जा सकेगी. केवाइसी (अपने ग्राहक को जानें) से संबंधित सूचनाएं अपडेट की जा सकेंगी. क्लेम ट्रांसफर किया व देख जा सकेगा. अपने सभी पुराने खातों को यूएएन से जोड़ा जा सकेगा. पेंशन संबंधी जानकारी भी ली जा सकेगी.

एक मोबइल नंबर पर हो सकेगा सिर्फ एक पंजीकरण
यूएएन अपने नियोक्ता के जरिये लेना होगा. इसके लिए नियोक्ता आपसे पैन कार्ड या आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेगा. ई-सेवा पोर्टल पर पंजीकरण के लिए आपको अपना मोबाइल नंबर देना होगा. एक मोबाइल नंबर पर सिर्फ एक पंजीकरण हो सकेगा.

बैंक खाता नंबर देना जरूरी
इपीएफओ ने कंपनियों के लिए कर्मचारियों के आइएफएससी कोड के साथ बैंक खाता संख्या देना जरूरी कर दिया है. इसे यूएएन से जोड़ा जाएगा, ताकि सदस्यों को भुगतान में आसानी हो.

अक्टूबर से मिलेगी बढ़ी हुई पेंशन
अब इपीएफ के सदस्यों को 1,000 रुपये से कम पेंशन नहीं मिलेगी. यह व्यवस्था एक सितंबर से लागू हो चुकी है. यानी, इसी एक अक्तूबर से बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी. अभी करीब 44 लाख लोगों को कर्मचारी पेंशन योजना-1995 के तहत पेंशन दी जाती है. इनमें 28 लाख को 562 रुपये औसत पेंशन मिलती है. इन्हें इस फैसले का फायदा मिलेगा. इनमें पांच लाख विधवाएं शामिल हैं. साल 2010 तक तो 12 और 38 रुपये पेंशन भी दी जा रही थी. यह फैसला पूर्व की यूपीए सरकार के समय ही ले लिया गया था, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने की वजह से इसमें थोड़ी देरी हुई.

बढ़ी मूल वेतन की सीमा भी
इपीएफओ ने कर्मचारी पेंशन योजना (इपीएस) के लिए मूल वेतन की अधिकतम सीमा भी एक सितंबर से बढ़ाई है. इसको 6,500 रुपये से बढ़ा कर 15,000 रुपये कर दिया है. पहले मूल वेतन का अधिकतम 6,500 रुपये का 8.33 फीसदी यानी 541 रु पये ही पेंशन फंड में जाते थे. सीमा बढ़ कर 15,000 रुपये होने से पेंशन फंड में हर महीने 1,250 रु पये तक जाएंगे. यानी रिटायरमेंट के बाद पेंशन ज्यादा मिलेगी. मूल वेतन की सीमा बढ़ने का एक और असर होगा. पहले 6500 रुपये तक वेतन पर पीएफ कटवाना जरूरी था, लेकिन उससे ज्यादा वेतन पर कर्मचारी पीएफ कटाने से मना कर सकता था. अब 15,000 रुपये तक वेतन पर पीएफ कटवाना ही होगा. इससे करीब 50 लाख और कर्मचारी इपीएफ के दायरे में आ जाएंगे.

शुरू से मोटे वेतन पर पेंशन नहीं
इपीएफओ के हाल में जारी पेंशन संबंधी सरकुलर में कहा गया है कि एक सितंबर 2014 के बाद उन नए पीएफ सदस्यों को इपीएस की सुविधा का फायदा नहीं मिलेगा, जिनका वेतन नौकरी शुरू करते वक्त 15 हजार रुपये से ज्यादा था. पहले जो नियम था उसके मुताबिक, इपीएफओ के सदस्य खुद-ब-खुद संबंधित इपीएस के प्राप्तकर्ता बन जाते थे. वेतन से जो पीएफ कटता था, उसका 8.33 प्रतिशत हिस्सा इपीएस में चला जाता था. यानी, सरकार ने न्यूनतम पेंशन को बढ़ा कर एक हजार रुपये तो कर दिया है, पर साथ ही साथ ऐसे प्रावधान किये हैं, जिससे पेंशन योजना का फायदा पाने वालों की तादाद पर रोक लगायी जा सके.

बढ़ गई बीमा राशि
एक सितंबर से एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (इडीएलआइ) के तहत बीमा की राशि भी दोगुनी से ज्यादा कर दी गई है. अंशधारक की मौत होने पर 1.56 लाख रुपये के स्थान पर 3.60 लाख रुपये मिलेंगे. इपीएफओ में अंशदान देनेवाले किसी कर्मचारी की मौत पर परिवार को 3.60 लाख रुपये बीमा राशि मिलेगी. इसमें तय राशि पर 20 प्रतिशत (60,000 रुपये) का तात्कालिक लाभ शामिल होगा.

ब्याज दर वही की वही
इपीएफओ के न्यासी बोर्ड ने वित्त वर्ष  2014-15 में भविष्य निधि जमा पर 8.75 फीसदी की दर से ब्याज देने का फैसला किया है. ब्याज की यह दर पिछले साल के बराबर ही है. इपीएफओ ने वित्त वर्ष 2013-14 में भविष्य निधि जमा पर 8.75 फीसदी की दर से ब्याज दिया था, जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2012-13 में 8.50 फीसदी ब्याज दिया गया था.

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