लेबर मिनिस्ट्री को लिखा लेटर
सीबीटी की 26 अगस्त को होने वाली बैठक के एजेंडे के मुताबिक ईपीएफओ सरकारी बॉन्ड्स में इंवस्टमेंट लिमिट टोटल फंड का मौजूदा 55 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी करने के लिए अमेंडमेंट चाहता है. इस साल मई में ईपीएफओ ने लेबर मिनिस्ट्री को लेटर लिखकर कहा था कि पिछले छह महीनों में यह देखा गया है कि सरकारी बांड खासकर एसडीएल ने कारपोरेट बॉन्ड के मामले में बेहतर रिटर्न की पेशकश की है जबकि इसमें सिक्योरिटी को लेकर भी चिंता नहीं रहती है.

छह लाख का फंड है ईपीएफओ के पास
जून में लेबर मिनिस्ट्री ने ईपीएफओ से सीबीटी की मंजूरी के बाद इंवेस्टमंट में बदलाव का प्रपोजल देने को कहा. ईपीएफओ के डिसीजन लेने वाली अथॉरिटी सीबीटी ने कहा कि जांच पड़ताल के बादलेब मिनिस्ट्री अमेंडमेंट को इत्तला करेगा. ईपीएफओ के पास करीब छह लाख करोड़ रुपये का फंड है. उसके एक्टिव शेयरहोल्डर्स की संख्या करीब पांच करोड़ है.

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