>RANCHI: ईव टीजिंग की घटनाएं इस कदर बढ़ गई हैं कि घर से निकलते ही लड़कियां अनसेफ फील कर रही हैं। कॉलेज जाना हो, मार्केट में खरीदारी करनी हो, घूमने जाना हो। हर जगह मनचलों से सामना होता ही है। कब कोई कमेंट कर दे, कब कोई हाथ मार कर निकल जाए। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। ऐसे गंभीर अपराध का सामना हर लड़की हर मोड़ पर कर रही है। शोहदों के ऐसे ही आतंक की पड़ताल आई नेक्स्ट ने की। पेश है रिपोर्ट।

केस क्

स्पॉट: शास्त्री मार्केट के पास फुटपाथ दुकान

शास्त्री मार्केट से ख्0 कदम की दूरी पर महिला थाना है। शास्त्री मार्केट से शुरू होकर शहीद चौक तक रोड साइड लगनी वाली फुटपाथ दुकानों में लड़कियों की भीड़ लगी है। राह चलती लड़कियों पर मनचले फब्तियां कस रहे हैं। घूर रहे हैं। तभी दुकान में बैग खरीद रही लड़कियों के पीछे खड़े कुछ लड़के दिखे। अरे, यह क्या। ये तो आपस में ही इशारे कर-कर बातें कर रहे हैं। यहां खड़ी लड़कियां लड़कों की इस हरकत से अनजान हैं। तभी एक लड़की पलट कर देखी। इसके बाद अपनी दोस्त के कान में कुछ बोली और फिर सभी वहां से आगे बढ़ गई।

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स्पॉट: शहीद चौक

मारवाड़ी कॉलेज से आने वाली लड़कियां शहीद चौक के पास अक्सर खड़ी होकर जूस पीती हैं। गुरुवार को भी दिन के ख्.क्भ् बजे दो लड़कियां गन्ने का जूस पी रही हैं। लड़के इन्हें देख-देख कर ठहाके लगा रहे हैं। अश्लील हरकतें भी कर रहे हैं। तभी एक गाने के बोल सुनाई पड़े-ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा अरे, यह क्या। ये तो कोई नौजवान नहीं, बल्कि अधेड़ उम्र का व्यक्ति गुनगुना रहा है। भगवान भला करें। इसी बीच पुलिस की एक गाड़ी भी पहुंचती है, लेकिन इस घटना पर किसी की नजर नहीं पड़ी। तब तक लड़कियां भी मुंह घुमा कर चल पड़ीं।

लड़कियों से तीन सवाल

क्। अगर कोई आपको परेशान करता है, तो आप कैसे रिएक्ट करती हैं?

ख्। क्या आप अपने घर में बाहर होने वाली घटना के बारे में बताती हैं?

फ्। क्या आपने कभी पुलिस को ऐसी घटना की सूचना दी है। ऐसी सूचना देना उचित समझा है?

जवाब

क्। मैं घूरने वाले को घूर कर देखती हूं, उसके बाद अगर कुछ बोला, तो जवाब देती हूं।

ख्। घर में जरूर बताती हूं, क्योंकि ये जरूरी है।

फ्। अभी तक पुलिस वाली नौबत नहीं आई है।

-अंजुम खातून

क्। अगर कोई कुछ कहता है तो जवाब देती हूं, शांत रहने से पानी सिर के ऊपर चला जाएगा।

ख्। घर में बताना जरूरी समझती हूं। इसलिए हर बात बताती हूं।

फ्। अगर जरूरत हुई तो पुलिस की सपोर्ट जरूर लूंगी। ऐसा नहीं कि पुलिस को बताना कठिन है।

-मनु कुमारी

क्। चुपचाप किसी की बात सुनकर निकल जाना कायरता है, जवाब मुंह पर देती हूं।

ख्। घर पर दीदी को हर बात बताती हूं, वो मेरी मदद करती हैं।

फ्। पुलिस तक जाने की नौबत नहीं आई, लेकिन जरूरत पड़ी तो जरूर जाऊंगी।

-अमिता लकड़ा

क्। कोई कमेंट करे या परेशान, वहीं पर उसे उसकी औकात दिखाना जरूरी है। मैं परेशान करने वाले को सिर पर नहीं चढ़ने देती।

ख्। घर पर हमेशा बताती हूं, इससे मुझे कोई परहेज नहीं।

फ्। अगर दोस्तों के साथ रहूं, तो पुलिस तक जाने से पहले ही मरम्मत कर दूं, फिर खबर करूं।

प्रीति कुमारी

महिला थाना प्रभारी ने लड़कियों को ईव टीजिंग से निपटने के दिए सुझाव

.हेलेन सोय की फोटो लगाएं

क्। फोन पर या राह चलते ईव टीजिंग हो, तो तुरंत एंटी ईव टीजिंग नंबर पर संपर्क करें।

ख्। हर थाने की गाड़ी पर नंबर लिखा होता है, उसे जरूर नोट करें।

फ्। घटना के बाद शक्ति मोबाइल को लोकेशन और परेशान करने वाले का हुलिया जरूर बताएं।

ब्। खबर मिलते ही संबंधित क्षेत्र के थाना में सूचना देती हैं, तो परेशान न हों तुरंत कार्रवाई होगी।

भ्। लड़कियों का जागरूक और बोल्ड होना जरूरी है, डरें नहीं समझदारी से काम लें। वहां मौजूद पब्लिक को बताएं, मदद जरूर मिलेगी।

यहां करें शिकायत

क्00 पुलिस कंट्रोल रूम

9ब्फ्क्70000फ्

एंटी ईव टीजिंग सेल

9ब्फ्क्70म्क्फ्7

सिटी एसपी

शॉकिंग आस्पेक्ट्स

ईव टीजिंग के मामलों को लेकर जब हमने महिला थाना से सवाल किया, तो कई शॉकिंग आस्पेक्ट्स निकले। हमने उनसे ये जानने की कोशिश की आखिर मौके पर ही रिएक्ट करने में क्यों परेशानी होती है।

जवाब

क्। अगर पहली बार कमेंट हो, तो अक्सर उसे इग्नोर कर दिया जाता है।

ख्। पुलिस के मामले से डर लगता है। सेल्फ रेस्पेक्ट की बात आने पर लड़कियां चूप रह जाती हैं।

फ्। अक्सर घर वालों के कांशस होने के कारण लड़कियां घर में ईव टीजिंग की बात खुलकर नहीं बताती या बताती ही नहीं हैं।

ब्। लव अफेयर के मामलों में जब पार्टनर ही परेशान करने लगे, तो लड़कियां डर के मारे रिएक्ट नहीं करतीं और सब कुछ सह जाती हैं।

भ्। घर से मिलने वाली फ्रीडम बंद हो जाएगी, यह सोचकर भी लड़कियां चूप हो जाती हैं।