CHAIBASA : कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के अंतर्गत अध्ययनरत छात्रों के च्एि अच्छी खबर है। छात्रों की भाषा क्षमता के विकास के लिए विवि के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों में लैंग्वेज लैब की स्थापना होगी। विवि स्तर पर अलग-अलग स्थानों पर दो केंद्र स्थापित किए जाएंगे। विवि के स्तर से कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने कम्प्यूटर लैब को लैंग्वेज लैब के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। लैब की स्थापना के लिए कॉलेज स्तर पर करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च कर साफ्टवेयर की खरीद की जाएगी। विवि जनजातीय भाषाओं के छात्रों की सहुलियत के लिए साफ्टवेयर तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। मार्च तक केयू के सभी कॉलेजों में लैंग्वेज लैब स्थापित हो जाएंगे। साफ्टवेयर की खरीद कॉलेज फंड से की जाएगी।

ऐसा होता है लैंग्वेज लैब

- यह लैंब छात्रों की भाषा क्षमता के विकास में मददगार होता है।

- इसके तहत एक भाषा की जानकारी रखने वाले छात्र दूसरी भाषा सीख सकते हैं।

- साफ्टवेयर के जरिए एक भाषा का दूसरी भाषा में अनुवाद किया जाता है।

- छा˜चें की उच्चारण क्षमता को बेहतर बनाने में यह मददगार होता है।

- कम्प्यूटर के जरिए छात्र एक भाषा को दूसरी भाषा में लिखना पढ़ना सिखते हैं।

- लैंब में प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन छात्रों को दूसरी भाषा जानने में मदद करते हैं।

विवि छात्रों की भाषा क्षमता के विकास के लिए काम कर रहा है। इसके लिए विवि स्तर पर दो तथा सभी कॉलेजों में लैंग्वेज लैब की स्थापना की जाएगी। हम उम्मीद करते हैं कि मार्च महीने तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। कॉलेजों में रखे कम्प्यूटर की मदद लैब में ली जा सकेगी।

- प्रो डॉ आरपीपी सिंह, वीसी, केयू

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एनसीटीई की मान्यता के बावजूद शुरू नहीं हुआ एमएड

CHAIBASA: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के सेशन ख्0क्7-क्8 से एमएड पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए एक बार फिर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) का दरवाजा खटखटाएगा। काउंसिल की ओर से दो साल पहले ही विवि को एमएड कोर्स संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी गई थी। काउंसिल की ओर से फ्क् मार्च ख्0क्ब् को विवि को शैक्षिक सत्र ख्0क्ब्-क्भ् में एमएड पाठ्यक्रम के अंतर्गत फ्भ् सीट प्राप्त हुई। फ्क् मई ख्0क्भ् के दूसरे आदेश में काउंसिल ने सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी कर भ्0 कर दी। अनुमति मिलने के लिए बाद तीन शैक्षिक सत्र गुजर गए लेकिन विवि में एमएड पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी। कोर्स संचालित करने के लिए विवि में संविदा के आधार पर शिक्षकों की बहाली तक कर ली गई। उधर, केयू वीसी डॉ आरपीपी सिंह ने कहा कि एनसीटीई की ओर से एमएड की अनुमति कुछ शर्तों के आधार पर दी गई थी, लेकिन विवि के पास अपनी नियमावली न होने के कारण दाखिला नहीं लिया गया। अब विवि के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो गए हैं। हम नये सत्र से फिर इसके लिए एनसीटीई में आवेदन करेंगे।