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RANCHI

दिन- बुधवार

समय- क्ख् बजकर क्0 मिनट

स्थान- बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम का सेंट्रलाइज्ड इवीएम सेल, मोरहाबादी

तपती धूप में बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम तप रहा है। क्7 अप्रैल को लोकसभा चुनाव कार्य में लगाए गए मतदानकर्मी पसीना पोंछते हुए इधर से उधर घूम रहे हैं। कोई पेट्रोलिंग पार्टी में अपनी गाड़ी का नंबर खोज रहा है, तो कोई मैदान में लगे रिजर्व कैंडीडेट के लिए बने तंबू में बैठकर मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि हे भगवान मुझे चुनाव डयूटी से बचा लेना। पसीने की तल्खी, उम्मीदों और नाउम्मीदगी के समंदर में गोता खाते लोगों से मिलने के लिए जैसे ही हम बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में प्रवेश करते हैं विनोद कुमार और पार्थसारथी से मुलाकात होती है।

आप भी ख्ाइए चूड़ा

सुबह सात बजे हटिया निफ्ट से चुनाव ड्यूटी पर प्रतिनियुक्त किए जाने पर स्टेडियम पहुंचे निफ्ट के एकाउंटेंट विनोद कुमार और निफ्ट डायरेक्टर के पीए पार्थसारथी के चेहरे पर मुस्कान है। वह पॉलीथीन में रिलेटिव्स के द्वारा दिए गए चूड़े और बादाम का चबेना फांकते हुए इत्मीनान मूड में नजर आते हैं। हमें देखते हैं, तो कहते हैं कि आप भी फांकिए। अकेले कितना खाएं। सरकुलर रोड स्थित पोलिंग बूथ में ड्यूटी पड़ी है। क्म् को सुबह आए हैं। अब क्7 को मतदान के बाद इवीएम सुपुर्द करने के बाद घर जाएंगे। हम आगे मैदान की ओर बढ़ जाते हैं

कौन सुनेगा किसको सुनाएं?

फुटबॉल मैदान में हाथों पर प्लास्टर चढ़ाए नसीम अहमद मिलते हैं। वह मुड़मा नयासराय में टीचर हैं। मिलते ही अपना दर्द बताने लगते हैं। कहते हैं कि हमने चुनाव ड्यूटी में न लगाने की अपील की थी, पर हमको भी चुनाव में लगा दिया गया। मेरा हाथ फ्रैक्चर हो गया था। भ् अप्रैल को ही प्लास्टर लगा है। चुनाव कार्य करने में असमर्थ हैं, पर हमारी नहीं सुनी गई। यहां आए हैं शायद डीसी माफ कर दें।

ख्008 से मतदान करा रहे हैं

नसीम अहमद का दर्द सुनने के बाद हम मैदान में आगे बढ़ते हैं तो सुधीर मंडल मिलते हैं। सुधीर मंडल आरयू के एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट के कर्मी हैं। कहते हैं ख्008 से चुनाव कार्य में हिस्सा ले रहा हूं अब तो काफी एक्सपीरिएंस हो गया है। फिर हमारी नजरें रिजर्व कैंडीडेट के लिए बने तंबू पर टिक जाती है। हाईटेक मिनरल वाटर और हॉट लिप्स का नाश्ता डकार कर अब वहां बैठे लोग मसाला और नमक लगे खीरे का आनंद ले रहे हैं। महिलाएं कहती हैं खीरे का क्या फोटो ले रहे हैं, देखिए उधर पैसा बंट रहा है, उसका फोटो लीजिए। यह कहने के साथ वे मुस्कुराने लगती हैं। हंसी फिर तब खत्म हो जाती है, जब हमारी नजर अपनी पत्नी के सहारे लाठी टेकते आए पारा टीचर भैरों उरांव पर टिक जाती है। लाठी के सहारे वे बड़ी मुश्किल से मतदान केंद्र तक आए हैं। उनकी वाइफ मंजू उराइन बताती हैं कि इनका नस टानता है। पैरों से चलने में बड़ी मुश्किल होती है,पर इनको भी चुनाव ड्यूटी दे दी गई। दर्द का यह अहसास तब और गहरा हो जाता है, जब स्पाइनल कॉर्ड में फ्रैक्चर के शिकार सुनील कुमार के चेहरे पर नजर जाती है। वे कहते हैं कि मॉडर्न हाई स्कूल, डोरंडा में पियून हैं। गर्दन की हड्डी क्रैक कर गई है। भुरकुंडा में मुझे ड्यूटी दी गई है। डॉक्टर ने मुझे बेड रेस्ट ि1लखा है।

मूव नहीं कर सकते फिर भ्ाी ड्यूटी

मैदान में ही मुलाकात प्रभात कुमार से होती है, जो जिला स्कूल के प्लस टू सेक्शन में टीचर हैं। कहते हैं ख्008 से ऑर्थराइटिस है। कहीं मूव नहीं कर सकता। ख्0क्ख् में बाइपास सर्जरी भी हो चुकी है। मुझे हटिया चुनाव ड्यूटी में लगा दिया गया है। शायद मेरी स्थिति देखकर डीसी मुझे मतदान केंद्र से विमुक्त कर दें। मुझे हैंडीकैप्ड सर्टिफिकेट भी दिया गया है, पर कोई मेरी नहीं सुन रहा है। अब तक क्ख्:भ्ख् मिनट हो चुके हैं। सफेद रंग की एंबेसडर कार में सवार डीसी विनय कुमार चौबे और एसएसपी प्रभात कुमार आते हैं। प्रभात कुमार मैदान में लगे माइक से घोषणा करने लगते हैं कि आप लोगों को किसी तरह से डरने की कोई जरूरत नहीं है। हर पोलिंग बूथ पर पुलिस फोर्स डिप्लॉय किया हुआ है। आपको टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है। किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए हम तैयार हैं। प्रभात कुमार के बाद डीसी विनय कुमार चौबे मतदान कर्मियों को निर्देश देते हैं। विकलांगता और शारीरिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों की डीसी से मिलने की उम्मीदें धरी की धरी रह जाती है। एक बजकर छह मिनट में डीसी और एसएसपी दोनों निकल जाते हैं। बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में फिर वहीं आपाधापी है। हां, मैदान के बाहर लगी दुकानों और ईख का शर्बत बेच रहे दुकानदारों के चेहरे पर खुशी है, क्योंकि चुनावी मौसम में बिक्री अच्छी है।