RANCHI : खेलगांव में इवीएम की गड़बड़ी की कंप्लेन पर हुए हंगामे के बीच इवीएम के गायब होने के मामले में अब भी रहस्य बरकरार है। जब खेलगांव में ईवीएम थी ही नहीं, तो इतना हंगामा क्यों बरपा? क्यों बीडीओ के साथ दु‌र्व्यवहार किया गया? बीजेपी, जेवीएम, तृणमूल कांग्रेस के कैंडीडेट्स ने दिल्ली चुनाव आयोग को फैक्स कर पूरे मामले की जानकारी देते हुए जांच कराने की मांग की है।

रिपोलिंग कराने की मांग

कैंडीडेट्स ने इस बाबत चुनाव आयोग को रांची लोकसभा क्षेत्र में रिपोलिंग कराने के लिए कहा है। कैंडीडेट्स को शक है शासन की आड़ में दो कैंडीडेट्स ने ईवीएम में गड़बड़ी की है या गड़बड़ी करने के प्रयास में थे। ऐसे में इसकी निष्पक्ष जांच होनी ही चाहिए, क्योंकि हंगामा मेन गेट पर हो रहा था। वहीं खेलगांव से ईवीएम निकालने के चार से पांच रास्ते हैं। हो सकता है ईवीएम को हंगामे के दौरान दूसरे रास्ते से वहां से निकाल दिया गया हो।

कौन लेकर आया था ईवीएम?

सवाल उठता है कि इवीएम को अनगड़ा से कौन लेकर चला था। उस ईवीएम की खोजबीन पुलिस और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने क्यों नहीं की? यदि प्रशासन उस समय एक्टिव होकर कैंडीडेट्स को यह दिखाती और ईवीएम की खोज करती तो शायद इतना बड़ा बवाल नहीं होता। सैकड़ों लोग जवान के लाठीचार्ज का शिकार नहीं होते।

खेलगांव में साक्ष्य खोज रही है पुलिस

क्7 अप्रैल की रात में खेलगांव में हुए हंगामे में जो लोग शामिल थे, उनलोगों की वीडियोग्राफी से पहचान की जा रही है। रांची पुलिस ने यह कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत पुलिस वीडियो रिकॉर्ड्रिग के जरिए उन लोगों की तलाश कर रही है, जो उस वक्त वहां मौजूद थे और हंगामा कर रहे थे।