- विभूतिखंड के गुड होम्स शोरूम में घुसकर लाइसेंसी पिस्टल से मारी गोली

- टाइल्स कारोबार के पार्टनरशिप में चल रहा था लेन-देन का विवाद

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LUCKNOW : विभूतिखंड के विनम्रखंड में पूर्व एमएलसी के बेटे ने तीन करोड़ के लेन-देन के विवाद में अपने पार्टनर को गोली मार दी। हमलावर पार्टनर के शोरूम में लाइसेंसी पिस्टल लेकर पहुंचा और पैसों को लेकर विवाद के दौरान दोनों में हाथापाई हो गई। झगड़े के दौरान उसने अपनी पिस्टल से पार्टनर के माथे पर गोली मार दी। गोली चलते ही वहां पर भगदड़ मच गई। इसका फायदा उठाकर हमलावर मौके से भाग निकला। थाने से चंद कदमों की दूरी पर हुई वारदात की सूचना एक बाइक सवार ने पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हमलावर युवक को हुसडि़या चौराहे पर दौड़ाकर पिस्टल समेत पकड़ लिया। गोली से घायल शोरूम मालिक को इलाज के लिए पहले लोहिया और फिर ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

शोरूम में घुसकर मारी गोली

मूलरूप से देवरिया के सोनू घाट निवासी बजरंगी तिवारी का बेटा दुर्गेश तिवारी (30) गोमती नगर विस्तार स्थित यमुना अपार्टमेंट में रहता है। दुर्गेश ने अपने पार्टनर गौतम रावत के साथ विभूतिखंड के विनम्रखंड में गुड होम्स के नाम से टाइल्स एंड सेनेटरी शोरूम खोला। सीओ गोमती नगर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार शाम करीब पांच बजे दुर्गेश का पूर्व पार्टनर गोमती नगर अलखनंदा अपार्टमेंट निवासी आशुतोष जायसवाल अपनी फाच्र्यूनर गाड़ी से दुर्गेश के शोरूम पर पहुंचा। दुर्गेश उस समय अपने ऑफिस में बैठा था। आशुतोष और दुर्गेश के साथ वहां कुछ और लोग भी मौजूद थे। दोनों के बीच रुपये के लेन-देन को लेकर कहासुनी हो गई। कहासुनी ने विवाद का रूप ले लिया और आशुतोष ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकाल ली। साथ ही उस पर गोली चला दी। गोली उसके माथे पर लगी और वहां वहीं गिर गया। गोली चलने से वहां भगदड़ मच गई। शोरूम के नीचे स्थित रेस्टोरेंट में बैठे लोग भी फायरिंग की आवाज सुन भाग निकले।

हाथ में पिस्टल लेकर भाग निकला

दुर्गेश का शोरूम विभूतिखंड थाने से चंद कदमों की दूरी पर है। गोली मारने के बाद आशुतोष हाथ में पिस्टल लेकर पैदल ही मौके से भाग निकला जबकि वह जिस फाच्र्यूनर गाड़ी से वहां आया था। गाड़ी को उसका ड्राइवर गोंडा निवासी अजय लेकर भाग निकला। गोली चलने की सूचना एक बाइक सवार ने थाने के बाहर खड़े संतरी को दी। सूचना पाकर विभूतिखंड थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घायल दुर्गेश को इलाज के लिए लोहिया अस्पताल पहुंचाया। वहीं हमलावर आशुतोष को पुलिस ने हुसडि़या चौराहे से दौड़ा कर पिस्टल समेत पकड़ लिया और उसकी लग्जरी कार को ड्राइवर समेत पुलिस ने विभूतिखंड से पकड़ा।

तीन करोड़ रुपये के लेन-देन का विवाद

पकड़े गये आशुतोष ने पुलिस को बताया कि वह दोनों कभी पार्टनर थे। वर्ष 2015 में दुर्गेश दिल्ली के पंजाबी बाग में रहकर कारोबार करता था। उससे मुलाकात होने के बाद दोनों ने विभूतिखंड में ही ए टू जेड सॉल्यूशन के नाम से टाइल्स और सेनेटरी का कारोबार शुरू किया था। आशुतोष शराब के कारोबार से भी जुड़ा था और ठेकेदारी भी करता था। इसके चलते वह टाइल्स कारोबार पर ध्यान नहीं देता था। आशुतोष का कहना है कि इस दौरान दुर्गेश ने गौतम रावत के साथ पार्टनरशिप कर ली और विनम्रखंड में गुड होम्स के नाम से कारोबार शुरू कर दिया। ए टू जेड सॉल्यूशन का जितना भी माल और सामान था उसे गुड होम्स शोरूम में शिफ्ट कर दिया। इसी के चलते आशुतोष का दुर्गेश से तीन करोड़ रुपये के लेन-देन का विवाद चल रहा था।

दो बार हो चुकी थी पंचायत

टाइल्स कारोबार में तीन करोड़ रुपये के लेन-देन को लेकर दुर्गेश और आशुतोष के बीच परिचितों के साथ दो बार पंचायत हो चुकी थी। आशुतोष का कहना है कि दुर्गेश ने उससे बकाया पैसा देने का वादा किया था, लेकिन हर बार वह पैसे देने से टरका देता था। शनिवार को भी वह अकेले अपना बकाया पेमेंट लेने दुर्गेश के शोरूम में गया था, लेकिन पैसे देने के जगह दुर्गेश उससे भिड़ गया और मारपीट करने लगा। दुर्गेश को गोली लगने की जानकारी पाकर परिवार के लोग भी लोहिया अस्पताल पहुंच गए। जहां तबियत बिगड़ने पर उससे ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। उधर, विभूतिखंड पुलिस ने आशुतोष की लाइसेंसी पिस्टल और गाड़ी बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

पूर्व एमएलसी का बेटा है हमलावर

आरोपी आशुतोष जायसवाल देवरिया के पूर्व एमएलसी जय प्रकाश जायसवाल का बेटा है। आशुतोष की मां कृष्णा जायसवाल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं और वर्तमान में वह लोक दल के महिला शाखा की प्रदेश अध्यक्ष हैं। वर्ष 2012 में उसके पिता जय प्रकाश कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े थे और मां कृष्णा लोक दल के टिकट से चुनाव लड़ी थी। आशुतोष की दुर्गेश से मुलाकात भी उसी चुनाव के दौरान हुई थी।

मां और पिता लड़े थे आमने सामने

पूर्व एमएमसी जय प्रकाश जायसवाल और मां कृष्णा 2012 के चुनाव में देवरिया से ही एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े थे। जय प्रकाश कांग्रेस से और कृष्णा लोक दल से प्रत्याशी थी। जय प्रकाश की दूसरी शादी के बाद से कृष्णा और उनके बेटे उनसे अलग हो गए थे। आशुतोष के देवरिया के शराब कारोबार से भी तार जुड़े है। वह आजमगढ़ में शराब का कारोबार करता था।

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ड्राइवर को दिया पांच सौ का ईनाम

गोली मारकर भाग रहे हमलावर आशुतोष को विभूतिखंड थाने के एसओ और ड्राइवर दिनेश या यादव ने दौड़ाकर पकड़ लिया। उसकी बहादुरी पर सीओ दीपक कुमार ने उसे पांच सौ रुपये का नकद ईनाम दिया।

सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस

शोरूम में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस आशुतोष के गोली मारने की फुटेज सीसीटीवी में खंगाल रही है। जिससे उसके खिलाफ मजबूत एवीडेंस मिल सके। फॉरेसिंक जांच के लिए पुलिस ने उसकी पिस्टल को भी जब्त कर लिया और शोरूम को भी अपने कब्जे में लेकर लॉक कर दिया है।