यात्रा के अनुभवों को किया शेयर

खुर्शीद कसूरी 2002 से 2007 तक पाकिस्तान में विदेश मंत्री रहे थे। अपनी किताब में उन्होंने इस कार्यकाल के अपने खास अनुभवों को शेयर किया है। जिसमें मुशर्रफ के साथ की गई भारत यात्रा प्रमुख तौर पर शामिल है। मुर्शरफ 2001 में आगरा शिखर वार्ता और फिर 2005 में भारत आए थे। खुर्शीद ने मुशर्रफ की भारत यात्रा के अपने अनुभवों को विस्तत तरीके से अपनी किताब में लिखा है। इस बुक का अगले वीक लाहौर में विमोचन किया जाएगा।  

करगिल युद्ध के बाद बंद हो गई थी बात

उन्होंने उन कारणों को भी किताब में मेंशन किया है। जिन कारणों से भारत ने मुशर्रफ का 2001 की यात्रा के दौरान स्वागत किया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत चाहता था कि किसी भी स्थिति में दोबारा युद्ध के हालात न बनें, क्योंकि उस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही थी। करगिल युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत पूरी तरह से बंद हो गई थी। जिसके चलते भारतीय पीएम ने उनको भारत आने का न्यौता दिया था।

मीडिया कवरेज देख भी चौंक गए थे

सिर्फ इतना ही नहीं, भारतीय मीडिया में मुशर्रफ की यात्रा के कवरेज का भी खुर्शीद ने अपनी किताब में जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि करगिल युद्ध के दौरान मुशर्रफ की जबरदस्त नकारात्मक छवि बनी थी। लेकिन, इन सब वजहों के बावजूद मीडिया ने उनका खूब यशगान किया। मुशर्रफ की यात्रा के दौरान जिस तरह से मीडिया एक आया को सामने लेकर आया था, जिसने भारत में जन्म के बाद मुशर्रफ की देखभाल की थी। इन खबरों ने खुर्शीद को काफी चकित किया था।

International News inextlive from World News Desk