-एलएलबी के मूल्यांकन में कॉपी के स्टीकर फाड़ने का आरोप हुआ सिद्ध

-डिप्टी रजिस्ट्रार ने बनाई थी तीन सदस्यीय कमेटी

BAREILLY

चहेतों को अच्छे नंबर देने के लालच में एलएलबी का मूल्यांकन कर रहे प्रोफेसर्स पर कॉपियों को डिकोड करने का आरोप लगा था। जांच के बाद प्रोफेसर्स पर आरोप साबित भी हो गया। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने दागी प्रोफेसर्स पर कार्रवाई के लिए गेंद परीक्षा समिति की पाले में डाल दी है। परीक्षा समिति जल्द बैठक कर दागी प्रोफेसर्स की किस्मत पर फैसला करेगी।

मार्च में हुआ था मूल्यांकन

जनवरी में एलएलबी की परीक्षाएं हुई थीं। जिनका मूल्यांकन मार्च में हुआ। मूल्यांकन के दौरान डीआर वीके मौर्य को भनक लगी कि कुछ प्रोफेसर्स चहेतों को लाभ पहुंचाने के इरादे से गोपनीयता के लिए लगे स्टीकर उखाड़ रहे हैं। तो मूल्यांकन केन्द्र पर छापा मारा था। साथ ही तीन सदस्यीय एक कमेटी बना दी थी। कमेटी की कमान उन्होंने प्रो। जेएन मौर्य को सौंपी थी। कमेटी ने पड़ताल के बाद डॉ। विश्वनाथ शर्मा, डॉ। वीरेन्द्र कुमार, डॉ। कमल मिश्रा, डॉ। मनोज गुप्ता, डॉ। अंजूवाला के नाम कॉपी डिकोड करने के लिए यूनिवसिर्टी प्रशासन को दिए हैं। प्रशासन ने सभी दागी प्रोफेसर्स के नाम परीक्षा समिति की सौंप दिए हैं। जो जल्द बैठक कर इन प्रोफेसर्स पर फैसला लेगी।

वर्जन

दागी प्रोफेसर्स के नाम परीक्षा समिति को सौंप दिए हैं। समिति जल्द बैठकर कर इन प्रोफेसर्स की किस्मत का फैसला करेगी।

प्रो। मुशाहिद हुसैन, वीसी