- जिले के students में बढ़ रहा exam pressure

- CBSE की helpline पर आ रहे calls में मानसिक तनाव के 60 percent मामले

GORAKHPUR: बोर्ड परीक्षा करीब आते ही बच्चों को एग्जाम फोबिया सताने लगा है। बहुत से स्टूडेंट्स इस समय भारी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। आलम ये है कि गोरखपुर जोन में 60 परसेंट बच्चे तनावग्रस्त हैं। यह हम नहीं बल्कि सीबीएसई की ओर से चलाई जा रही एग्जाम हेल्पलाइन पर आ रहे मामलों का आंकड़ा बता रहा है। सीबीएसई की ओर से नियुक्त काउंसलर के मुताबिक, रोजाना आ रही कॉल्स में लगभग 50 परसेंट बच्चे प्रोक्रास्टिनेशन डिसॉर्डर का शिकार हैं, तो वहीं 10 परसेंट बच्चे एग्जाम फोबिया की चपेट में आ गए हैं।

पांच दिन में 500 मामले

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने नौ फरवरी से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स के लिए फ्री काउंसलिंग हेल्पलाइन शुरू कर दी है। इस पर पहले पांच दिनों में ही स्टूडेंट्स के तनावग्रस्त होने के करीब 500 मामले सामने आए हैं। इनमें अधिकतर केस पढ़ाई में मन ना लगने, ध्यान भटकने सहित एग्जाम फोबिया से जुड़े देखे जा रहे हैं। कई स्टूडेंट्स अपने सब्जेक्ट्स से जुड़े सवाल तक हेल्पलाइन पर पूछ रहे हैं। इसके अलावा आगे करियर सेलेक्शन को लेकर भी काफी स्टूडेंट्स तनाव में दिखाई दिए।

पैरेंट्स को देना होगा ध्यान

देखने में आता है कि स्टडीज को लेकर बच्चे अक्सर बहाने बनाते हैं। बार-बार कहने पर भी टालने की कोशिश करते हैं। पैरेंट्स इसे उनकी शरारत सोच कर जबरदस्ती करने लगते हैं। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो बच्चे की टालने की यह आदत गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकती है। साइक्लॉजिस्ट्स बच्चों में आ रही इस प्रॉब्लम को प्रोक्रास्टिनेशन नाम देते हैं। इसके तहत बच्चों में चीजों को टालने की प्रवृत्ति पैदा होने लगती है। एग्जाम टाइम में यह प्रॉब्लम प्रेशर के साथ ज्यादा बढ़ने लगती है। इसी का नतीजा है कि एग्जाम्स करीब होने के चलते रीजन में करीब 60 परसेंट बच्चे किसी न किसी तरह की मानसिक समस्या की चपेट में आ गए हैं।

मिलेगी हर मदद

सीबीएसई की तरफ से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1800118004 पर आप अपने बच्चे को लेकर क्वेरी कर सकते हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स या पैरेंट्स बोर्ड की ऑनलाइन हेल्पलाइन directoracad.cbse@nic.in और counselling.cbse@gmail.com पर ईमेल के जरिए भी मदद ले सकते हैं।

वर्जन

हेल्पलाइन पर जो कॉल्स आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर स्टूडेंट्स एग्जाम्स को लेकर प्रेशर में हैं। बच्चों में रिजल्ट का डर, भूलने की आदत, कंफ्यूजन, पढ़ाई में मन ना लगना जैसे मामले आ रहे हैं। स्टूडेंट्स अगर एग्जाम टाइम को मैनेज करते हुए स्टडीज करें तो प्राब्लम नहीं होगी। पैरेंट्स को भी चाहिए कि बच्चों को पूरा समय और सपोर्ट दें।

- डॉ। सोना कौशल, न्यूरोसाइक्लॉजिस्ट एंड सबीएसई काउंसलर