इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में चल रही परीक्षाओं के बीच में स्टूडेंट को रोक दिया गया

पहले दे चुका है परीक्षाएं, इस बार 5ाी परीक्षा नियंत्रक ने जारी किया है प्रवेश पत्र

ALLAHABAD: ऐसा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ही हो सकता है। जहां सेमेस्टर परीक्षायें शुरू हो चुकी हैं। एक छात्र ने फ‌र्स्ट सेमेस्टर की परीक्षायें 5ाी दे दी, अब बीच में परीक्षा में उसे यह कहकर रोक दिया गया कि उसका तो एडमिशन ही नहीं होना चाहिये था। हैरानी की बात तो यह है कि इविवि के परीक्षा नियंत्रक ने छात्र को एडमिट कार्ड 5ाी जारी कर दिया।

रोका तो जमकर हुआ हंगामा

शनिवार को इविवि में एमए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा देने छात्र नीरज सिंह इकोनामि1स डिपार्टमेंट पहुंचे थे। नीरज को सेंटर इंचार्ज प्रो। जगदीश नारायण ने यह कहकर परीक्षा देने से रोक दिया कि उनका तो एडमिशन ही नहीं हुआ है। इससे नाराज नीरज और छात्रनेता आनन्द सिंह नि1कु की अगुवाई में कई छात्रों ने इकोनामि1स डिपार्टमेंट में डीन कॉमर्स प्रहलाद कुमार को घेर लिया और उनसे जमकर बहस की। इस दौरान कार्यवाहक चीफ प्रॉ1टर प्रो। आरएस सिंह 5ाी मौजूद रहे।

वेबसाइट से कर सकते हैं डाऊनलोड

प्रहलाद कुमार का कहना था कि उनके पास शनिवार को इन्फार्मेशन आई है कि नीरज का विवि में प्रवेश नहीं है। ऐसे में उन्हें परीक्षा न देने दिया जाये। हैरानी की बात तो यह है कि एक ओर विवि प्रशासन नीरज के प्रवेश की बात से इंकार कर रहा है। दूसरी ओर परीक्षा नियंत्रक की ओर से नीरज को सेमेस्टर एग्जाम का एडमिट कार्ड जारी किया गया है। यह एडमिट कार्ड एयू की वेबसाइट से अ5ाी 5ाी डाऊनलोड किया जा सकता है।

दर्ज है रोल और एनरोलमेंट न6बर

वेबसाइट से निकले एडमिट कार्ड पर जो सूचना दर्ज है। उसमें नीरज का रोल न6बर 1816272, एनरोलमेंट न6बर u1420381, फादर नेम बृजेश सिंह, मां का नाम गीता सिंह दर्ज है। नीरज के मुताबिक उसने एडमिट कार्ड के आधार पर बीते पांच दिस6बर को माइक्रोइकोनामि1स और 07 दिस6बर को मेक्रोइकोनामि1स की परीक्षा दी थी। सित6बर में टी वन के पांच पेपर और नव6बर में टी टू के पांच पेपर्स की परीक्षा 5ाी दी।

निष्कासन को लेकर हुई थी मीटिंग

गौरतलब है कि नीरज सिंह इविवि की छात्र राजनीति में 5ाी सक्रिय रहे हैं। इविवि से उनके पांच साल के निष्कासन का आदेश 18 सित6बर 2017 को तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो। एनके शु1ला ने जारी किया था। उनके निष्कासन पर आगे की कार्रवाई के लिये शुक्रवार को बोर्ड ऑफ डिसीप्लीन की मीटिंग कुलपति प्रो। आरएल हांगलू की अध्यक्षता में हुयी थी। लेकिन इसमें कोई फैसला नहीं हो सका। नीरज का आरोप है कि मीटिंग में उन्होंने गं5ाीर आपत्तियां दर्ज कराई थी। इसके बाद उन्हें दु5रावनावश परीक्षा देने से रोककर कॅरियर 2ाराब करने की कोशिश की गयी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नीरज के लिये एक सीट सुरक्षित र2ाने के लिये कहा था। लेकिन न तो उनका एडमिशन हुआ और न ही आई कार्ड बना है। नीरज का परीक्षा के लिये एडमिट कार्ड कैसे जारी हो गया? यह जांच के बाद पता चलेगा। प्रवेश 5ावन ने 5ाी उनका नाम परीक्षा वि5ाग को नहीं 5ोजा था।

प्रो। मनमोहन कृष्ण, डायरे1टर एडमिशन एवं एचओडी इकोनॉमि1स डिपार्टमेंट