RANCHI : झारखंड में उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने की दिशा में विभाग ने कसरत तेज कर दी है। शिक्षा सुधार के लिये राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भी कई प्रयास किये जा रहे हैं। 2022 तक भारत सरकार ने भी ग्रास इनरोलमेंट रेशियो बढ़ाने के निर्देश दिये हैं, ताकि शिक्षा को बेहतर मुकाम तक ले जाया जा सके। गौरतलब है कि झारखंड जीईआर के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है। राष्ट्रीय स्तर पर यह जहां 25.2 फीसद है, वहीं झारखंड का रेशियो 17.17 परसेंट।

तय किए गए हैं ये मापदंड

- निर्धारित सीटों को भरने के लिये यूनिवर्सिटी व कॉलेज चलो अभियान की होगी शुरूआत ।

-प्रत्येक छात्र का नामांकन हो सके इसके लिये सीटों की संख्या में होगा इजाफा

-कक्षाएं दो शिफ्ट में चलाने की योजना की शुरूआत

-प्रोफेसरों की कमी न हो इसके लिये अनुबंध पर नियुक्तियां

-प्लस टू पास एवं दसवीं पास छात्रों के लिये कौशल विकास कोर्स

राज्य में एक सौ पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने का टारगेट

-यूनिवर्सिटी-कॉलेज में आधारभूत संरचना के विकास पर जोर।

कैसे बढ़ रहा साल दर साल जीईआर

2015-16 में 12 प्रतिशत

2016-17 में 16 प्रतिशत

2017-18 में 19 प्रतिशत

2018-19 में 23 प्रतिशत लक्षित है

2019-20 में 26 प्रतिशत लक्षित है

2020-21 में 29 प्रतिशत लक्षित है

2021-22 में 32 प्रतिशत लक्षित है।