- जीएसटी में बदलाव पर शहर के व्यापारियों ने रखी राय

- बीजेपी सांसद ने व्यापारियों के साथ की बैठक

मेरठ। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करीब 27 उत्पादों पर जीएसटी में बदलाव की घोषणा की है, जिससे व्यापारियों को राहत की उम्मीद है। तो इधर, जीएसटी को लेकर व्यापारियों की समस्याओं पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने बैठक की। उन्होंने कहा कि व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं होगा। उनकी समस्याओं का समाधान होगा। बैठक में पूर्व महापौर हरिकांत अहलूवालिया, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, गजेंद्र शर्मा, विजेंद्र अग्रवाल, जयकरण, संजीव जैन, अरूण वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।

वर्जन

जीएसटी में सुधार के नाम पर सरकार ने केवल अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास किया है। थोडी सी राहत जरुर मिली है लेकिन अभी भी जीएसटी में कई महत्वपूर्ण सुधार की जरुरत है। कम से कम रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को पूरी तरह खत्म करना चाहिए था जो कि अप्रैल तक शिफ्ट कर दिया गया है।

- विनेश जैन, ट्रेडर्स एसोसिएशन अध्यक्ष

रेस्टोरेंट को 18 से 5 प्रतिशत स्लैब में शामिल कर रेस्टोरेंट व्यापारियों के साथ साथ आम जनता को काफी राहत दी गई है। अब ग्राहक बिल भी लेगा और जो रेस्टोरेंट संचालक अनरजिस्टर्ड थे वो रजिस्ट्रेशन भी कराएंगे। ग्राहक को जो डिश 118 रुपए में मिली थी वह अब 105 रुपए में मिलेगी।

- विपुल सिंघल, एसटूएस रेस्टोरेंट

12 से 18 प्रतिशत में शामिल प्रिंटिंग आइटम को अब पांच प्रतिशत स्लैब में कर दिया गया है। इससे कई प्रकार के प्रिंटिंग कारोबार को काफी राहत मिलेगी। इससे कार्ड, पेपर व फ्लैक्स प्रिंटिंग आदि कारोबार से जुडी व्यापारियों को राहत मिलेगी।

- विभोर जैन, प्रिंटिंग करोबारी

गारमेंट में अभी उम्मीद

केवल जरी वाले कपडों पर कमी की घोषणा की गई है। बाकि गारमेंटस 18 से 28 प्रतिशत के स्लैब में ही शामिल हैं। इससे गारमेंट करोबारियों पर कुछ खास फर्क नही पडेगा। छोटे व्यापारियों को केवल रिवर्स चार्ज मैकेनिजम में छूट की उम्मीद थी वह दी नही गई।

- अजित सिंह, अखिल भारतीय संयुक्त व्यापार मंडल प्रभारी

आयुर्वेदिक दवाओं को 12 से 5 प्रतिशत में किया गया है। यह छोटे व्यापारियों के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। उम्मीद की जा रही है होल सेलर को इससे कुछ राहत मिलेगी।

- मनोज अग्रवाल, दवा व्यापारी

जीएसटी में इस बदलाव से व्यापारियों को थोडा का फायदा तो मिलेगा। छोटे व्यापारियों को रिटर्न फाइल अब तिमाही करना होगा। जो काम हर माह करना पडता था अब तीन माह में करना होगा। इसके अलावा कंपोजिट स्कीम का दायरा एक करोड तक दायरा बढ़ा दिया गया है। यह पहले 75 लाख थी। रिवर्स चार्ज भी एक अप्रैल तक बढ़ा दिया। जोकि व्यापारियों के लिए काफी राहत भरा है।

- सीए अनुपम शर्मा

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