छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : नवंबर तक का इंतजार कीजिए। जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल ग्राउंड देखने को मिलेगा। जहां इंडियन सुपर लीग के दौरान दुनिया भर के सितारे जलवा बिखेरेंगे। पूर्वी क्षेत्र की खेल राजधानी जमशेदपुर मेजबानी के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। ऐसे में टाटा स्टील भी फुटबॉल ग्राउंड को बेहतर बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। इसी सप्ताह फुटबॉल ग्राउंड को अपडेट करने का काम शुरू हो गया। दुनिया भर के आधुनिक फुटबॉल ग्राउंड में आमतौर पर बरमूडा घास का प्रयोग किया जाता है। जेआरडी में बरमूडा घास लगाया जाएगा। बरमूडा घास की बीज को ऑस्ट्रेलिया से मंगाया जाएगा।

हटाई जा रही पुरानी मिट्टी

फुटबॉल ग्राउंड की पुरानी मिट्टी को हटाने का काम प्रगति पर है। उसके बाद ड्रेनेज सिस्टम को आधुनिक रूप दिया जाएगा। तत्पश्चात मिट्टी व बालू के समानुपातिक मिश्रण पूरे ग्राउंड में बिछाया जाएगा। उसके बाद आस्ट्रेलिया से आई बरमूडा घास लगाया जाएगा। इंडियन सुपर लीग के नियम के तहत फुटबॉल ग्राउंड हरा-भरा होना चाहिए, साथ ही घास की लंबाई 25 से 30 मिलीमीटर होनी चाहिए।

बरमूडा घास की क्या है खासियत

आमतौर पर फुटबॉल ग्राउंड में पांच प्रकार के घास का प्रयोग किया जाता है। गर्म प्रदेश के लिए बरमूडा घास ज्यादा उपयोगी होता है। ठंड प्रदेश में केंटुकी कूलग्रास प्रयोग में लाया जाता है। बरमूडा घास को एथलेटिक्स फील्ड के लिए सबसे बेहतर घास माना जाता है। आमतौर पर गर्म प्रदेश में पाया जाने वाला यह घास आधुनिक फुटबॉल ग्राउंड में उपयोग में लाया जाता है। मैच के 24 घंटे बाद ही यह फिर से खेलने लायक हो जाता है।