JAMSHEDPUR: साकची चेनाव रोड निवासी मधुमेह रोग विशेषज्ञ चिकित्सक प्रदीप कुमार होता और उनकी पत्‍‌नी की मोबाइल पर एसएमएस भेज खुद को गैंगस्टर अखिलेश सिंह बता रामनवमी चंदे के रुप में भ् लाख भ्क् हजार रुपये की रंगदारी मांगने वाले मंथीर सिंह उर्फ बबलू सिंह को साकची पुलिस ने गिरफ्तार किया है साथ ही रंगदारी मांगने में उपयोग किए गए सिम और मोबाइल को पुलिस ने जब्त किया है। आरोपी कदमा थाना क्षेत्र के पदमा रोड का रहने वाला है। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार किया है। चिकित्सक से ख्ख् मार्च से मांगी जा रही थी। शिकायत के बाद पुलिस जांच में जुटी और तकनीकी सेल की मदद लेते हुए आरोपी तक पहुंचने में सफल हुई। इसकी जानकारी सिटी डीएसपी अनिमेश नैथानी ने रविवार को पत्रकारों को दी।

बंगाल से लिया था सिम

मंथीर सिंह के अनुसार वह बंगाल के खड़गपुर में कार्य करता था। उसने फर्जी नाम पर मोबाइल सिम हासिल किया। फिर डॉक्टर पीके होता और उनकी पत्‍‌नी की मोबाइल पर संदेश भेजकर रंगदारी की मांग करने लगा। ऐसा नहीं किए जाने पर गोली मारने की धमकी दी। मंथीर सिंह ने सोनारी के डाक्टर संजय कुमार को भी धमकी भरा संदेश मोबाइल से भेजा। इसी तरह होली के बाद सोनारी गुदरी मार्केट में एक सब्जी विक्रेता की हत्या में प्रत्यक्षदर्शी एक युवती को भी मोबाइल पर संदेश भेज धमकी दी थी। रंगदार तक पहुंचने को पुलिस ने शक और संभावना को लेकर सोनारी निवासी एक वैन चालक ओर दो अन्य को हिरासत में लिया था। वैन चालक के मोबाइल नंबर के आधार पर उस तक पहुंची। जिस मोबाइल नंबर से संदेश भेज रंगदारी मांगी गई थी। उस मोबाइल को मंथीर सिंह ने छुपा रख दिया था। मंथीर हमेशा मोबाइल को लॉक कर रखता था।

टाटा स्टील का बर्खास्त कर्मचारी है आरोपी

मंथीर सिंह ने पुलिस को बताया वह टाटा स्टील का बर्खास्त कर्मचारी है मामला न्यायालय में लंबित है। उसने बताया बिना अवकाश के छत्तीसगढ़ चला गया था। वहां कार पलटने से घायल हो गया था बाद में कंपनी ने उसे हटा दिया। ठेकेदारी में वह कार्य करने लगा। उसने इंटर तक की पढ़ाई की है। पहली पत्‍‌नी मालती देवी की मौत के बाद उसने सबिता देवी से विवाह किया। पहली पत्‍‌नी से ख्ख् वर्ष का पुत्र और दूसरी पत्‍‌नी से चार वर्ष का बेटा है।

जिससे मांगी रंगदारी उसी से कराता था इलाज

चिकित्सक पीके होता पास वह मधुमेह से पीडि़त अपनी पूर्व पत्‍‌नी और अपना इलाज लंबे समय से कराता था। इस कारण उसे सभी जानते थे। बेरोजगारी के कारण उसने चिकित्सक से एक बार सब्जी खरीदने को रुपये भी मांगे थे। डॉ पीके होता ने उसे दो सौ रुपए दिए थे।

मदद नहीं मिली तो वसूली का आया आइडिया

मंथीर सिंह की माने तो वह आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है। उसका चार वर्ष का बेटा कदमा के एक स्कूल में पढ़ता है। फीस फ्0 हजार रुपया बकाया हो गया था। उसने कई से मदद मांगी, लेकिन किसी ने सहयोग नहीं किया। अखिलेश सिंह का नाम उसने सुन रखा था। सोचा अगर अखिलेश सिंह का नाम लेकर रंगदारी मांगी जाय तो काफी रुपए मिलेंगे।