-ट्रेंस में फेस्टिवल सीजन के दौरान मनचाही सीट के लिए लगेगा ज्यादा किराया

-एयरलाइंस व होटल्स की तरह होगा फेयर सिस्टम

VARANASI

फेस्टिवल के दौरान और भीड़ के समय ट्रेन में लोअर बर्थ पर जर्नी करने के लिए रेल पैसेंजर्स को अपनी जेब और ढीली करनी पड़ सकती है। चौंकिए नहीं, किराया समीक्षा समिति ने रेलवे बोर्ड से यह सिफारिश की है। एयरलाइंस और होटल्स के बाद रेलवे को भी इस डायनामिक प्राइसिंग मॉडल को अपनाने पर विचार चल रहा है। बता दें कि फ्लाइट में यात्रा करने वाले अधिकतर यात्री आगे की सीटों पर बैठने के लिए एक्स्ट्रा चार्ज देते हैं। रेल यात्री को भी अपनी पसंद की सीटों के लिए एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा।

फेयर होगा ज्यादा व कम

फ्लाइट की तरह त्योहारों व भीड़ के दौरान रेलवे का किराया बढ़ेगा और जिन महीनों में कम लोग यात्रा करेंगे उस दौरान किराया कम होगा। कमेटी ने यह भी सुझाव दिया है कि असुविधाजनक समय, उदाहरण के लिए रात 12 से सुबह चार बजे और दोपहर एक से शाम छह बजे के दौरान पहुंचने वाली ट्रेंस के पैसेंजर्स को किराये में छूट देना चाहिए। इसके अलावा असुविधाजनक समय पर अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचने वाली ट्रेंस के पैसेंजर्स को छूट दिया जाएगा।

इसलिए होगा ज्यादा किराया

ट्रेन के कोच में लोअर बर्थ को सबसे आरामदायक माना जाता है। इसकी डिमांड सबसे अधिक होती है। अमूमन सभी पैसेंजर इसके लिए कोशिश करते हैं। यही वजह है कि रेलवे आपके आराम के बदले ज्यादा पैसे वसूलने की तैयारी कर रहा है। यही नहीं, अगर आप अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं और त्योहार में घर जाते हैं तो उसके लिए भी आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।

डायनमिक प्राइसिंग मॉडल

ऑफिसर्स के मुताबिक प्रीमियम ट्रेंस में फ्लैक्सी-फेयर सिस्टम की समीक्षा करने के लिए गठित कमेटी ने एयरलाइन और होटल्स की तरह डायनेमिक प्राइसिंग मॉडल फॉलो करने की सिफारिश की है। जिसमें पैसेंजर को रेल यात्रा के दौरान पसंदीदा सीट चुनने के लिए अधिक किराया देना पड़ सकता है। इसके अलावा बिजी रूट्स पर ट्रेंस के किराए में भी बढ़ोतरी की सिफारिश की है।