प्यार और वासना का अंतर

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के रिसचर्स का कहना है कि व्यक्ति की आंखे जब किसी अजनबी को देखती हैं तो उसकी प्यार के पोटेंशियल पर ज्यादा गौर करती हैं. लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है. अगर उस अजनबी व्यक्ति के अंदर जबर्दस्त सेक्स अपील है तो हमारी आंखे उसको टकटकी लगाकर देखती रहती हैं. आंखों का यह ऑटेमेटिक जजमेंट 1 सेकेंड के भी आधे समय में हो जाता हैं. शिकागो हाई-परफार्मेंस इलेक्ट्रिकल न्यूरोइमेजिंग लेबोरेटरी के डायरेक्टर स्टेफनी कैसिपो का कहना है कि,' चूंकि कुछ लोग पहली नजर में देखने को प्यार समझ लेते हैं. लेकिन आंखों के रिस्पांस का यह पैटर्न आपको सच्चाई बता सकता है. किसी अजनबी को देखकर आपकी आंखें प्यार और वासना के अंतर को साफ दर्शाती हैं. कैसीपो के को-ऑथर ने भी अपनी रिपोर्ट में ऐसे ही कुछ खुलासे किये हैं. जो कि जरनल साइकोलॉजिकल साइंस में पब्लिश हो चुकी है.

दो एक्सपेरिमेंट्स किये गये

शिकागो डिपार्टमेंट ऑफ साइट्री एंड साइकोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा के रिसचर्स ने भी एक स्टडी की है. कैसीपो ने पहले अपनी स्टडी में प्यार और वासना की अलग-अलग स्थिति के डिफरेंट नेटवर्क को बताया था. लेकिन अब हम नयी स्टडी की चर्चा करते हैं. इसमें रिसचर्स ने दो विजुअल टेक्ट किये. ताकि लव और सेक्स डिजायर के इमोशन को अलग-अलग पहचाना जा सके. इस टेस्ट में जेनेवा यूनिवर्सिटी के मेल और फीमेल स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया. उन्होंने अजनबी व्यक्तियों की ब्लैक-व्हाइट फोटोग्राफ्स देखी. टेस्ट के फर्स्ट पार्ट में पार्टिसिपेंट ने यंग कपल्स की फोटो देखीं जो एक-दूसरे के साथ इंटरैक्ट हो रहे थे. इसी तरह टेस्ट के दूसरे पार्ट में पार्टिसिपेंट ने कुछ अट्रैक्टिव इंडिविजुअल की फोटो देखी, जोकि अपोजिट सेक्स की थी. ये लोग सीधे वियूवर को देख रहे थे. उनमें से कुछ फोटो न्यूड भी थी.

कैसे आता है अंतर

इन दोनों टेस्ट के दौरान पार्टिसिपेंट को कंप्यूटर के सामने बैठकर इन फोटोग्राफ्स को देखकर तुरंत रिएक्शन देना था. ये रिएक्शन प्यार में हो सकता है या वासना का. रिजल्ट के दौरान यह पता चला कि इन दोनों इमोशन का रिएक्शन टाइम में ज्यादा अंतर नहीं आया. इससे यह पता चलता है कि हमारा दिमाग इन दोनों इमोशन को पहचानने में काफी तेज होता है. इस एनालिसिस से पता चलता है कि आई-ट्रैकिंग का पैटर्न सेक्सुअल डिजायर और रोमांटिक लव के इमोशन के अंतर को बखूबी समझ सकता है. स्टडी में पार्टिसिपेअ करने वालों का कहना था कि जब वे रोमांटिक फीलिंग के साथ फोटो को देख रहे थे तो उनकी नजरें सिर्फ फेस पर थी. लेकिन जब सेक्सुअल डिजायर वाली फीलिंग के साथ पिक्चर्स को देखा गया तो उनकी नजरें फेस को छोड़कर बॉडी के अन्य पार्टस पर रहती हैं.     

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