अब फेसबुक पर लोग खुद को अंगदान करने वाले के तौर पर रजिस्टर करा सकेंगे और वे इस बारे में अपने परिवार वालों और दोस्तों को भी बता पाएंगे.

ब्रिटेन में नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) विभाग और फेसबुक ने अंगदान को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाया है.

एनएचएस का कहना है कि अंगों का प्रत्यारोपण ना हो पाने की वजह से, देश में हर दिन तीन लोगों की मौत हो रही है.

अंगदान की जरूरत

बताया जाता है कि अकेले ब्रिटेन में ही लगभग 10,000 ऐसे लोग हैं जिन्हें किसी अंग की जरूरत है, जबकि अमरीका में इनकी तादाद एक लाख बारह हजार के आसपास है. बाकी दुनिया में इन लोगों की संख्या और भी ज्यादा है.

अंगदान को बढ़ावा देने के लिए की गई इस साझेदारी से फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग उत्साहित हैं.

वह कहते हैं, “(अमरीकी राज्य) मिसूरी में हाल आए तूफानों में खोए अपने सामान को लोगों ने फेसबुक के जरिए ढूंढा और दूसरे तक पहुंचाया. इसी तरह जापान में लोग फेसबुक के सहारे अपने दोस्तों और परिवार वालों को तलाश रहे हैं, तो हमने सोचा कि क्या हम इसके जरिए ऐसा कुछ कर सकते हैं जिससे लोगों की कुछ और समस्याएं भी हल हो सकें, मसलन ऐसे लोगों की, जिन्हें दान किए गए अंगों की जरूरत होती है.”

एनएचएस के मुताबिक अंगदान के लिए पंजीकरण करने वालों में से आधे लोग ही अपने परिवार वालों को ये बताते हैं कि वे मौत के बाद अपने अंग दान करना चाहते हैं.

अब लोग अपनी फेसबुक टाइमलाइन में यह बता सकते हैं कि वे अंगदाता है. इस बात का जिक्र फेसबुक पेज पर 'प्रोफाइल' कहे जाने वाले उस हिस्से में होगा जहां लोग अपने शादीशुदा होने, नई नौकरी मिलने या फिर घर बदलने जैसी जानकारियां देते हैं.

स्टीव जॉब्स से मिली प्रेरणा

एनएचएस की 'ब्लड एंड ट्रांसप्लांट्स' इकाई में अंगदान और प्रत्यारोपण की निदेशक सैली जॉनसन, अंगदान को बढ़ावा देने के लिए फेसबुक से हुई साझेदारी को अहम मानती हैं.

वह कहती हैं, “सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इस बारे में बताना और इसके लिए प्रेरित करना बहुत अच्छा है. वे इसके बारे में बात कर सकते हैं. दूसरों को बता सकते हैं.”

शुरुआती तौर पर ब्रिटेन के अलावा अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स में इस तरह की साझेदारियां शुरू की जाएंगी. बाद में फेसबुक इस मुहिम को दूसरे देशों में भी ले जा सकता है.

जकरबर्ग का कहना है कि उन्हें फेसबुक के जरिए अंगदान को बढ़ावा देने का विचार मशहूर कंप्यूटर कंपनी एपल के संस्थापक स्वीट जॉब्स से दोस्ती के कारण मिला.

पैन्क्रीऐटिक कैंसर से पीड़ित जॉब्स की पिछले साल मृत्यु हो गई थी. उससे पहले उनके शरीर में, अंगदान के जरिए मिले लीवर का प्रत्यारोपण किया गया था.