भावनात्मक जुड़ाव पर बात

हाल ही में युनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना में मोटोपे और सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक को लेकर शोध हुआ है। इस शोध में 128 कॉलेज युवतियों ने एक ऑनलाइन सर्वेक्षण पूरा किया गया। जिससे इस सर्वेक्षण में उनके बेकायदा खाने की आदतों का मूल्यांकन करने के लिए कुछ सवाल रखे गए थे। शोध कर्ताओं की टीम ने प्रत्येक युवती से फेसबुक से उनके भावनात्मक जुड़ाव पर बात की। इसके साथ ही रोजाना साइट पर बिताए जाने वाले समय और फेसबुक दोस्तों के बारे में भी सवाल पूछें। इतना ही नहीं इस दौरान यह भी देखा गया कि इन युवतियों ने अपने दोस्तों की ऑनलाइन पिक्चर से अपने शरीर की तुलना की या नहीं। अगर की है तो इस पर उनकी प्रतिक्रिया क्या रही। ऐसे में इस दौरान काफी शॉकिंग परिणाम सामने आए हैं।

बिगडऩे से रोकने का प्रयास

शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि फेसबुक से भावनात्मक रूप से ज्यादा जुड़ाव रखने वाली युवतियां शरीर के आकार तथा बनावट को लेकर कम फिक्रमंद दिखी। जिससे साफ है कि उनमें खानपान संबंधी खतरनाक आदतें होने का जोखिम भी काफी कम है। ऐसे में युनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना शोधकर्ताओं के अनुसार, आज कल हर उम्र के लोग फेसबुक का उपयोग करते हैं। ऐसे में खासकर अगर कालेज आदि जाने वाली नवयुवतियां फेसबुक का इस्तेमाल कर रही हैं। इस दौरान वे अपने शरीर की तुलना अपने सहेलियों के शरीर से करती हैं तो साथियों की तुलना में उनके जोखिमपूर्ण डाइटिंग आदतों से जूझने की संभावना कम है। वे खुद को अपने स्लिम ट्रिम दोस्तों की तरह ही खुद को ढाल लेती हैं। जरा सी बॉडी में चेंजेस आने पर वह उसे बिगडऩे से रोकने का प्रयास करती है। ऐसे में अब साफ है कि वजन घटाने में फेसबुक काफी मदद करेगा। लोग तनाव मुक्त रहेंगे।

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