डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी का सख्त आदेश

कहा टीचर्स-स्टूडेंट रेशियो को बरकरार रखना है जरूरी

ALLAHABAD: सम्बद्धता लेनी थी तो कॉलेज के लिए जैसे तैसे संसाधन दिखाया और फैकेल्टी का विवरण भी दर्शा दिया। लेकिन बात जब पढ़ाई शुरू करवाने की आई तो फैकेल्टी को ही बाहर का रास्ता दिखला दिया। मामला डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से जुड़े प्रदेश के कॉलेजेस का है। कॉलेजेस के इस तौर तरीके को टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने सीधे सीधे अवैधानिक करार दे दिया है। जिससे अब रिक्रूट किए गए टीचर्स को सेशन की शुरुआत या बीच में बाहर निकालना आसान नहीं होगा।

फैकेल्टी दिखाकर ही ली थी सम्बद्धता

जी हां, डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से जुड़े स्टेट के कई ऐसे कॉलेज हैं। जिन्होंने एकेडमिक सेशन 2016-17 के लिए ऑनलाइन सम्बद्धता पोर्टल पर शिक्षकों का विधिवत विवरण दर्शाया था। जिसके बाद यूनिवर्सिटी की ओर से सम्बद्धता तो दे दी गई। लेकिन तमाम कॉलेजेस ने सेशन शुरू होने पर यूनिवर्सिटी और स्टूडेंट दोनों को गच्चा दे दिया। रिक्रूट की गई फैकेल्टी को सेशन की शुरुआत में ही बाहर कर दिया गया। इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी से की गई तो वीसी ने सख्त रुख दिखाया है।

तो आदेश की होगी अवमानना

टेक्निकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पवन कुमार गंगवार की ओर से जारी किये गये आदेश में कहा गया है कि कतिपय संस्थानों द्वारा शिक्षकों को सेशन की शुरुआत या बीच में निकाला जाना नियमानुसार उचित नहीं है। कहा गया है कि इस तरह का कृत्य वीसी के ही आदेश की अवमानना है। इसे सम्बद्धता की शर्तो का खुलेआम उल्लंघन करार दिया गया है। चेताया गया है कि इससे टीचर्स- स्टूडेंट रेशियो गड़बड़ा रहा है। जिसका सीधा असर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर पड़ना तय है। यह अखिल भारतीय शिक्षा परिषद के मानकों के भी प्रतिकूल है।

अनुमोदन प्राप्त करना जरूरी

रजिस्ट्रार के पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जिन भी शिक्षकों को बाहर किया गया है। उनसे तत्काल पठन-पाठन के कार्य को सुनिश्चित करवाया जाये। फिर भी अगर उपरोक्त कार्रवाई की कोई जानकारी मिलती है तो संबंधित कॉलेज की सम्बद्धता ही समाप्त कर दी जायेगी। हालांकि, इस बात का भी प्राविधान किया गया है कि यदि शिक्षकों को किसी कारणवश नितांत आवश्यकता के तहत बाहर किया जा रहा है तो ऐसे में कारणों समेत विश्वविद्यालय का पूर्वानुमोदन प्राप्त करना जरूरी होगा।