-सनसनीखेज व संवेदनशील मामलों में इलाहाबाद पुलिस या खुफिया एजेंसियों के हाथ नहीं लगा कोई सुराग

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ALLAHABAD: क्राइम को रोकने का कारगर हथियार बन सकता है क्रिमिनल अफेंसेज का खुलासा और अपराधियों की गिरफ्तारी। इससे सोसाइटी में बेहतर मैसेज जाता है और क्रिमिनल्स में भी भय बनता है। कम से कम संवेदनशील मामलों में इलाहाबाद पुलिस और इंटेलीजेंस की टीम फिसड्डी है। कई बड़ी घटनाएं हुई। इनकी चर्चा प्रदेश स्तर पर हुई। शासन के लिए ये घटनाएं चिंता का सबब बनीं। एक और नई घटना बुधवार को इसमें जुड़ चुकी है। आज हमने की नई घटना के बहाने पुरानी घटनाओं की जांच की पड़ताल।

अ‌र्द्धकुंभ में अलजजीरा

शुरुआत की ख्00म्-07 में आयोजित अ‌र्द्धकुंभ से। इस दौरान अलजजीरा चैनल का पत्रकार बनकर एक युवक इलाहाबाद आया। इंटरनेशनल कैंप में रुका था। अरैल एरिया में उसे रुकने के लिए स्थान आवंटित हुआ था। उसकी गतिविधियां संदिग्ध थी। जानकारी होने के बाद आइबी तक एक्टिव हो गई तो क्लीयर हो गया कि उससे पूछताछ की जानी चाहिए। लेकिन, पुलिस रेड डालने पहुंची तो वह गायब हो चुका था। उसके टेंट में कई ऐसे सामान मिले थे जो उसकी मौजूदगी पर सवाल खड़े कर रहे थे। इसके बाद भी उसका आज तक कोई सुराग नहीं पुलिस के पास नहीं है।

कौन यूज कर रहा था सेटेलाइट फोन

वर्ष ख्0क्ख्-क्फ् में कुंभ के दौरान भी पुलिस और खुफिया विभाग की नींद उस वक्त उड़ गई थी जब पता चला था कि कोई संदिग्ध सेटेलाइट फोन यूज कर रहा है। आईबी के अलावा मिलिट्री इंटेलीजेंस भी उसे ट्रेस करने में जुटी रही। माइक से एनाउंस कराकर यूजर से सामने आने का आग्रह किया गया। लेकिन, न तो वह खुद सामने आया और न ही पुलिस या इंटेलीजेंस उसके बारे में कुछ पता लगा सकी।

टाइम बम ने उड़ाई नींद

कुछ साल पहले की बात है। औद्योगिक एरिया पुलिस स्टेशन के एक गांव में बम ब्लास्ट हुआ। एक महिला और उसका बच्चा जख्मी हो गए। जांच के लिए बीडीएस बुलाई गई। बीडीएस ने समीप से ही एक और टाइम बम रिकवर किया। डिफ्यूज न कर पाने पर उसे ब्लास्ट कराया गया। टाइम बम का इलाहाबाद में मिलना कुछ और ही संकेत दे रहा था। इस मामले में भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस ने जिस घर के बाद बम मिला था, उसी के लड़के को चार देशी बम के साथ जेल भेज दिया।

कहां से आया आरडीएक्स

इसी तरह बहादुरगंज में पूर्व मंत्री नंद गोपाल नंदी पर जानलेवा हमला हुआ। उन पर हमले के लिए आरडीएक्स यूज किया गया और रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट किया गया। पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाई। खुलासा भी कर लिया। आरोपियों को सलाखों के पीछे तक पहुंचा दिया। लेकिन, इससे इतर इसका खुलासा नहीं हो सका कि आरोपी राजेश पायलट को आरडीएक्स मिला कैसे?

पार्सल बम हुआ था ब्लास्ट

लास्ट इयर कीडगंज एरिया में हुए एक और धमाके ने खुफिया विभाग की नींद उड़ा दी थी। बीटेक के स्टूडेंट के नाम पर एक पार्सल आया। उसके अंदर चायनीज लैंप था। जैसे ही छात्र ने उसे खोला वह ब्लास्ट कर गया। विस्फोट इतना तगड़ा था कि छात्र खून से लथपथ हो गया। उसे तत्काल हॉस्पिटल पहुंचाया गया। कई दिनों तक उसकी हालत सीरियस बनी रही। जांच में पता चला कि भदोही से किसी व्यक्ति ने उसे कोरियर किया था। लेकिन उसका नाम पता सब फेक मिला। इस मामले में भी पुलिस के हाथ खाली हैं।